Current Affairs For India & Rajasthan | Notes for Govt Job Exams

SAIL-भिलाई द्वारा छत्तीसगढ़ का पहला फ्लोटिंग सोलर प्लांट की स्थापना

FavoriteLoadingAdd to favorites

चर्चा में क्यों?

राज्य संचालित स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) की छत्तीसगढ़ स्थित शाखा, भिलाई स्टील प्लांट (BSP), कार्बन फुटप्रिंट में सुधार के लिये अपने मरोदा-1 जलाशय में राज्य की पहली 15-मेगावाट (MW) फ्लोटिंग सौर परियोजना स्थापित करेगी।

  • इस्पात प्रमुख कंपनी कार्बन उत्सर्जन को कम करने, ऊर्जा संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न परियोजनाएँ चला रही है।

मुख्य बिंदु:

  • यह परियोजना NTPC-SAIL पावर सप्लाई कंपनी लिमिटेड (NSPCL) के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है, जो नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (NTPC) और SAIL की एक 50:50 साझेदारी वाली संयुक्त उद्यम कंपनी है। सोलर प्लांट दुर्ग ज़िले में स्थापित किया जाएगा।
  • मरोदा जलाशय का क्षेत्रफल 2.1 वर्ग किलोमीटर है और इसकी जल भंडारण क्षमता 19 घन मिलीमीटर (MM3) है।
    • मरोदा-I जलाशय में संग्रहीत जल न केवल संयंत्र को बल्कि टाउनशिप को भी जल आपूर्ति करता है।
  • इस संयंत्र से अनुमानित कुल हरित विद्युत ऊर्जा उत्पादन लगभग 34.26 मिलियन यूनिट सालाना होने की संभावना है।
    • इस परियोजना से BSP के CO2 उत्सर्जन में सालाना 28,330 टन की कमी आने की उम्मीद है।

कार्बन फुटप्रिंट 

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO) के अनुसार, कार्बन फुटप्रिंट जीवाश्म ईंधन के दहन से उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) की मात्रा पर लोगों की गतिविधियों के प्रभाव का एक माप है और इसे कई टन में उत्पादित CO2 उत्सर्जन के भार के रूप में व्यक्त किया जाता है।
  • इसे आमतौर पर प्रतिवर्ष उत्सर्जित होने वाले कई टन CO2 के रूप में एक संख्या में (जिसे मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड और अन्य ग्रीनहाउस गैसों सहित कई टन CO2-समतुल्य गैसों द्वारा पूरक किया जा सकता है) मापा जाता है।
  • यह एक व्यापक उपाय हो सकता है या किसी व्यक्ति, परिवार, घटना, संगठन या यहाँ तक कि पूरे देश के कार्यों पर लागू किया जा सकता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »
Scroll to Top