राजस्थान विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग ने रविवार शाम को मतदान प्रतिशत की अंतिम अधिकारिक जानकारी सार्वजनिक की है। निर्वाचन आयोग के अनुसार, प्रदेश में कुल 75.45 प्रतिशत मतदान हुआ है। इससे पहले शनिवार रात 12 बजे तक 74.96 प्रतिशत मतदान होने की जानकारी दी गई थी। मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी के भी संकेत दिए गए थे।
कहां हुआ सबसे ज्यादा मतदान?
रविवार को जारी अंतिम आंकड़ों में मतदान 75.45 प्रतिशत बताया गया है। 2018 में 74.71 प्रतिशत मतदान हुआ था। अधिक मतदान होना भाजपा के लिए फायदेमंद माना जा रहा है। इस चुनाव में सबसे अधिक मतदान पोकरण में 87.79 प्रतिशत और तिजारा में 85.15 प्रतिशत हुआ है।
भाजपा ने पोकरण सीट पर संत प्रतापपुरी को टिकट दिया था। उनके सामने कांग्रेस के सालेह मोहम्मद ने चुनाव लड़ा। तिजारा सीट पर भाजपा ने बाबा बालकनाथ को टिकट दिया तो कांग्रेस ने इमरान खान को प्रत्याशी बनाया था। तिजारा सीट पर भाजपा प्रत्याशी का प्रचार करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो बार आए थे। भाजपा ने दोनों सीटों पर धुव्रीकरण करने का पूरा प्रयास किया। मतदान प्रतिशत को देखकर लगता है कि भाजपा धुव्रीकरण करने में सफल भी रही।
किस क्षेत्र में हुआ सबसे कम मतदान?
सबसे कम मतदान 61.24 प्रतिशत आहोर विधानसभा क्षेत्र में हुआ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्वाचन क्षेत्र सरदारपुरा में 65.68 प्रतिशत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विधानसभा क्षेत्र झालारापाटन में 77.67 प्रतिशत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के निर्वाचन क्षेत्र में 73.59 प्रतिशत मतदान हुआ है।
सरदारपुरा में पिछले चुनाव में 67.10 प्रतिशत मतदान हुआ था। पिछले चुनाव में झालारापाटन में 78.43 प्रतिशत मतदान हुआ था। गहलोत सरकार के 18 मंत्रियों के निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार कम रहा है। इनमें बी.डी.कल्ला, शांति धारीवाल, उदयलाल आंजना, सुखराम बिश्नोई, विश्वेंद्र सिंह, प्रमोद जैन भाया, सालेह मोहम्मद, अशोक चांदना, भंवर सिंह भाटी, मुरारी लाल मीणा, शकुंतला रावत, अर्जुन बामनिया, टीकाराम जुली, ममता भूपेश एवं सुभाष गर्ग शामिल हैं।