मैंने RSSB में सचिव के पद पर join करने के बाद पिछले 1 माह में यह पाया है कि अभ्यर्थियों को मानसिक पीड़ा देने वाले कई कारणों में से एक प्रमुख कारण defective question का होना व उसे delete किया जाना है ।
1. मैं candidates की इस बात से पूर्णतः सहमत हूँ कि प्रश्न डिलीट किए जाने की नौबत नहीं आनी चाहिए ।
2. मैंने इस issue पर काफ़ी चिंतन व मनन किया है ।मुझे भी ऐसा लगता है कि ऐसा किया जाना संभव तो है परंतु वर्तमान में अपनायी जाने वाली प्रक्रिया, गोपनीयता, संवेदनशीलता इत्यादि सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जो best हो सकता है वह किया जा रहा है ।
3. इस point पर विभिन्न न्यायालयों में भी गुणावगुण पर विस्तार से विवेचन हो चुका है ।परंतु कोई सर्वमान्य समाधान नहीं मिला । इसी कारण से हम greater evil की जगह lesser evil अपनाने के लिए बाध्य हैं ।
4. Paper setting एक अत्यंत ही संवेदनशील, गोपनीय व जटिल प्रक्रिया है ।
5. यह कोई भी नहीं चाहता कि question delete करने की स्थिति आये । फिर भी परिस्थितियोंवश न चाहते हुए भी ऐसा करना पड़ता है ।
6. Board की इसमें किसी तरह की लापरवाही या अनदेखी नहीं रहती ।परंतु क्योंकि ठीक पेपर बनवाने का दायित्व बोर्ड का है अतः आप सोचते हैं कि बोर्ड के स्तर पर लापरवाही होती है जबकि ऐसा नहीं है ।वर्तमान में ज्ञात व्यवस्थाओं में से सबसे सही व सर्वग्राह्य पद्धति paper setting हेतु अपनायी जा रही है ।यदि ऐसा नहीं होता तो Courts हमें अवश्य ही best system अपनाने के लिए कहती । Courts ने भी सभी पहलुओं पर विचार कर defective प्रश्न को डिलीट कर bonus मार्क्स देने की वर्तमान व्यवस्था (system) को ही बेहतर माना है ।
7. आपको ज्ञात होगा कि पेपर में क्या प्रश्न हैं और क्या उनके उत्तर हैं, इसकी जानकारी परीक्षा से पूर्व बोर्ड के किसी भी व्यक्ति को नहीं होती है(यानी अध्यक्ष को भी नहीं )। paper setter के बाद सर्वप्रथम प्रश्नपत्र को अभ्यर्थी ही देखते हैं ।बीच में कोई भी नहीं होता ।
8. फिर भी हम इस सर्वपीड़ाकारी समस्या का समाधान निकालने पर गंभीरता से विचार कर रहे है ।We are trying to minimize the number of such defective questions. And, be rest assured that where there is a will, there is a way.