Current Affairs For India & Rajasthan | Notes for Govt Job Exams

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राजस्थान के प्रथम चरण से सप्तम चरण के नाम व गठन की तिथि(क्रमशः)

►ट्रिक :—- मत्स्य पहले से वृहत फिर संयुक्त वृहत होकर राजस्थान को आधुनिक बनाया ►ट्रिक का विशलेषण >>>>>> मत्स्य       =>    मत्स्य संघ (8मार्च 1948) प्रथम चरण पहले        =>    पूर्व राजस्थान संघ (25 मार्च 1948) से          =>    संयुक्त राजस्थान (18अप्रैल 1948) वृहत        =>    वृहत राजस्थान(30 मार्च 1949) संयुक्त       =>    संयुक्त वृहत राजस्थान (5मई 1949) राजस्थान     =>    राजस्थान संघ (26जनवरी1950) आधुनिक     =>    आधुनिक राजस्थान (1नवंबर1956) सप्तम चरण

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शत्रुघ्न सिन्हा ने PM मोदी का नाम लेकर क्या कह दिया ऐसा? मच सकता है घमासान, बोले- देर कर दी…

टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने पटना में रविवार को मतदान किया। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इंडी गठबंधन ऐतिहासिक जीत हासिल करने जा रहा है। वहीं वोट देने के बाद पीएम मोदी का नाम लेकर उन्होंने ऐसा बयान दे दिया है जिससे बवाल मच सकता है। बता दें कि लोकसभा चुनाव को लेकर एग्जिट पोल भी आ गया है जिसको लेकर सियासत तेज है। बिहार बाबू के नाम से प्रसिद्ध सिने अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) ने कहा कि चार जून का इंतजार कीजिए। इंडी गठबंधन ऐतिहासिक जीत हासिल करने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) विवेकानंद राक मेमोरियल पर ध्यान- साधना, मीडिया और मतदताओं का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि साधना करने में पीएम मोदी ने विलंब कर दिया है। अब उनकी विदाई तय है। पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र में कदमकुआं स्थित संत सेवरीन हाई स्कूल में उन्होंने अपने बड़े पुत्र लव कुमार सिन्हा के साथ मतदान किया। सिन्हा ने कहा कि भाजपा (BJP) के 400 पार नारे की दावे की पोल खुलने वाली है। पश्चिम बंगाल में भी टीएमसी (TMC) बेहतर प्रदर्शन करने जा रही है। इंडी गठबंधन वाले दिन में सपना न देखें : रविशंकर प्रसाद वहीं, पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad) ने पटना वीमेंस कालेज मतदान केंद्र पर मतदान करने के बाद कहा कि देशभर की जनता नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्थाई सरकार बनाने के लिए मतदान कर रही है। इंडी गठबंधन वाले दिन में ही सपना न देखें। रविशंकर ने कहा कि देश के किसान, व्यवसायी सहित हर वर्ग के लोग चाहते हैं कि नरेन्द्र मोदी पुन: प्रधानमंत्री बनें। भारत का विकास दर तेजी से बढ़ रहा है। आईएनडीआईए वाले बैठक कर कर सरकार बनाने का सपना न देखें।

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जलवायु संकट को लैंगिक रूप से तटस्थ बनाना

यह एडिटोरियल 10/04/2024 को ‘द हिंदू’ में प्रकाशित “The climate crisis is not gender neutral” लेख पर आधारित है। इसमें जलवायु संकट के असमान प्रभाव पर, विशेष रूप से महिलाओं की बढ़ती भेद्यता पर प्रकाश डालते हुए, विचार किया गया है। लेख में प्रभावी जलवायु कार्रवाई के लिये संपूर्ण आबादी की पूर्ण भागीदारी की आवश्यकता बताई गई है जहाँ बलपूर्वक कहा गया है कि महिलाओं के सशक्तीकरण से अधिक प्रभावशील जलवायु समाधान प्राप्त होंगे। प्रिलिम्स के लिये: जलवायु परिवर्तन, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP), भारत का सर्वोच्च न्यायालय, जलवायु सम्मेलन (COP 28), लिंग आधारित हिंसा, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) 4 और 5, ऊर्जा। मेन्स के लिये: महिलाओं पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव, महिलाओं पर प्रभाव डालने वाले जलवायु परिवर्तन संबंधी मुद्दों को हल करना। जलवायु संकट उत्पन्न हो चुका है और इसका प्रभाव सभी पर एकसमान रूप से नहीं पड़ता है। महिलाओं एवं बालिकाओं को विशेष रूप से गरीबी की स्थितियों में और मौजूदा भूमिकाओं, उत्तरदायित्वों एवं सांस्कृतिक मानदंडों के कारण विषम रूप से उच्च स्वास्थ्य जोखिमों का अनुभव होता है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के अनुसार, किसी आपदा में पुरुषों की तुलना में महिलाओं और बच्चों की मृत्यु की संभावना 14 गुना अधिक होती है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अभी हाल के एक निर्णय में कहा है कि लोगों को जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों से मुक्त होने का अधिकार है, जबकि स्वच्छ पर्यावरण के अधिकार को पहले से ही जीवन के अधिकार के दायरे में एक मूल अधिकार के रूप में मान्यता प्राप्त है। विभिन्न आयामों में महिलाओं के साथ जलवायु परिवर्तन का संबंध: स्वास्थ्य: प्राथमिक देखभालकर्ता के रूप में उनकी भूमिका और उनकी जैविक संवेदनशीलता के कारण महिलाएँ प्रायः जलवायु संबंधी स्वास्थ्य जोखिमों का अधिक सामना करती हैं। वे लू (ग्रीष्म लहर), चरम मौसमी घटनाओं और मलेरिया एवं डेंगू बुखार जैसी वेक्टर-जनित बीमारियों के संक्रमण से स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का अधिक सामना कर सकती हैं।   गर्भवती महिलाएँ और नव माताएँ विशेष रूप से भेद्य या असुरक्षित हैं, जिन्हें कुपोषण, प्रसव अवधि की जटिलताओं और जलवायु आपदाओं के बाद के परिदृश्य में मातृ स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुँच के जोखिम का सामना करना पड़ता है। आजीविका और आय: महिलाएँ, विशेष रूप से विकासशील देशों के ग्रामीण क्षेत्रों में, अपनी आजीविका के लिये कृषि एवं वानिकी जैसे जलवायु-संवेदनशील क्षेत्रों पर अत्यधिक निर्भर हैं। जलवायु परिवर्तन से प्रेरित कारक, जैसे अप्रत्याशित मौसम पैटर्न, सूखा, बाढ़ एवं मृदा क्षरण कृषि उत्पादकता को बाधित कर सकते हैं, जिससे महिला किसानों के लिये आय की कमी और खाद्य असुरक्षा की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसके अतिरिक्त, महिलाओं को प्रायः ऐसी अनौपचारिक और निम्न वेतन वाली नौकरियों में नियोजित किया जाता है जो कम रोज़गार सुरक्षा प्रदान करती हैं और जलवायु-संबंधी व्यवधानों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होती हैं। शिक्षा और साक्षरता: बाढ़ और तूफ़ान जैसी जलवायु संबंधी आपदाएँ आधारभूत संरचना को क्षति पहुँचाने और स्कूलों के बंद होने के रूप में बच्चों की शिक्षा को बाधित कर सकती हैं। कई समाजों में ऐसे संकटों के दौरान सुरक्षा चिंताओं या बढ़ती देखभाल संबंधी ज़िम्मेदारियों के कारण बालिकाओं को स्कूल से निकाले जाने की संभावना अधिक होती है। जल और स्वच्छता व्यवस्था: महिलाएँ और बालिकाएँ, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, प्रायः घरों में जल संग्रहण एवं प्रबंधन के लिये ज़िम्मेदार होती हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण जल की कमी एवं उनके प्रदूषण से जल लाने में लगने वाला समय एवं श्रम बढ़ सकता है, जिससे महिलाओं के लिये शिक्षा, आय सृजन और सामुदायिक भागीदारी के अवसर सीमित हो सकते हैं। इसके अलावा, स्वच्छ जल और स्वच्छता सुविधाओं तक अपर्याप्त पहुँच महिलाओं के स्वास्थ्य एवं साफ-सफाई पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है, जिससे जलजनित बीमारियों और मातृ मृत्यु दर में वृद्धि होती है। जलवायु परिवर्तन का महिलाओं पर प्रभाव: लिंग आधारित हिंसा से प्रत्यक्ष संबंध: ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (CEEW) की वर्ष 2021 की एक रिपोर्ट से उजागर हुआ है कि 75% भारतीय ज़िले बाढ़, सूखा और चक्रवात जैसी जल संबंधी आपदाओं की चपेट में हैं। NFHS 5 के आँकड़े से संकेत मिलता है कि इन ज़िलों में आधे से अधिक महिलाएँ और बच्चे इन जोखिमों के संपर्क में हैं। हाल के अध्ययनों से इन प्राकृतिक आपदाओं और महिलाओं के विरुद्ध लिंग आधारित हिंसा के बीच प्रत्यक्ष संबंध की लगातार पुष्टि होती है। संघर्ष-प्रभावित क्षेत्रों में, जहाँ चरम मौसमी घटनाओं का खतरा भी अधिक होता है, लिंग-आधारित हिंसा व्यापक रूप से मौजूद होती है। उदाहरण के लिये, ‘जिनेवा सेंटर फॉर सिक्यूरिटी सेक्टर गवर्नेंस’ के एक सबमिशन में दर्ज किया गया है कि कोलंबिया, माली और यमन जैसे देशों में जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणीय क्षरण और संघर्ष के संयुक्त प्रभावों के कारण महिलाएँ एवं बालिकाएँ विशेष रूप से लिंग आधारित हिंसा के प्रति असुरक्षित हैं। दीर्घकालिक ग्रीष्म लहरों का प्रभाव: पिछला दशक मानव इतिहास में अब तक का सबसे गर्म दशक रहा है और भविष्य में भारत जैसे देशों को अभूतपूर्व ग्रीष्म लहरों (Heat Waves) का सामना करना पड़ सकता है। दीर्घावधिक ग्रीष्म लहरें गर्भवती महिलाओं के लिये विशेष रूप से खतरनाक होती हैं जो शिशुओं के समय-पूर्व जन्म और एक्लेम्पसिया (eclampsia) का खतरा बढ़ा देती हैं। इसी तरह, हवा में मौजूद प्रदूषकों (घर में और बाहर) के संपर्क में आने से महिलाओं के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है और उनमें श्वसन एवं हृदय संबंधी रोग उत्पन्न होते हैं। इससे अजन्मे बच्चे का शारीरिक एवं संज्ञानात्मक विकास भी प्रभावित होता है। भारत में समूह अध्ययनों से सामने आए आँकड़ों से पता चलता है कि PM2.5 में प्रत्येक 10 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की वृद्धि से फेफड़ों के कैंसर का खतरा 9% बढ़ जाता है, उसी दिन हृदय संबंधी मौतों का खतरा 3% और स्ट्रोक का खतरा 8% बढ़ जाता है। मनोभ्रंश (dementia) के लिये, वार्षिक PM2.5 में 2 माइक्रोग्राम की वृद्धि से जोखिम 4% बढ़ जाता है। बाल विवाह की दरों में वृद्धि: विभिन्न देशों और भूभागों में विभिन्न समुदायों में आपदा की स्थिति से निपटने के एक साधन के रूप में बाल विवाह के मामलों में वृद्धि हुई है। उदाहरण के लिये बांग्लादेश, इथियोपिया और केन्या में इसे धन या संपत्ति सुरक्षित करने के एक साधन के रूप में देखा गया है। ऐसे समुदायों में आमतौर पर संकट का सामना करने के

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Alok Raj

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड अभी डिलीटेड प्रश्न के अंक बाकी सभी प्रश्न में बराबर बांटते हैं इस प्रैक्टिस से सिर्फ उनको ज्यादा फायदा है जिनके जितने ज्यादा उत्तर सही होते हैं। अब हम विचार कर रहे हैं की क्यूं ना डिलीटेड प्रश्न के अंक हर एक को दे दिए जाएं?

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RPSC : Librarian Grade-II (School Edu.) विज्ञप्ति जारी

RPSC : Librarian Grade-II (School Edu.) विज्ञप्ति जारी कुल पद : 300 ऑनलाइन आवेदन 20 फरवरी से 20 मार्च 2024 तक

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‘मूर्खों के सरदार’ वाले बयान को लेकर पीएम मोदी पर भड़की कांग्रेस, संजय राउत बोले- 2024 में PM बनेंगे राहुल गांधी

राजस्थान विधानसभा के लिए 25 नवंबर को मतदान होना है और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। भाजपा और कांग्रेस चुनावी रैली में जनसभाओं को संबोधित कर एक-दूसरे पर आरोप की झड़ी लगा रहे है। इस बीच प्रधानमंत्री मोदी के मूर्खों के सरदार वाले बयान पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। पीएम मोदी ने बिना नाम लिए राहुल गांधी पर तंज कसा था। राजस्थान अल्पसंख्यक मोर्चा और राजस्थान हज समिति के पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अमीन पठान कांग्रेस में शामिल हो गए है। पठान ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की उपस्थिति में सदस्यता हासिल की। ‘मूर्खों के सरदार’ वाले बयान पर कांग्रेस का पलटवार प्रधानमंत्री मोदी के ‘मूर्खों के सरदार’ वाले बयान पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रधानमंत्री पद की गरिमा होती है, इसकी जितनी आलोचना की जाए, उतनी कम है। अगर कोई व्यक्ति गरिमापूर्ण पद पर है लेकिन, इस तरह की बातें करता है तो आप उससे क्या उम्मीद कर सकते हैं?’ ‘पीएम मोदी राहुल गांधी से डरे हुए है’ सीएम गहलोत के अलावा शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने भी पीएम मोदी पर हमला बोला। राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राहुल गांधी से डरते हैं क्योंकि राहुल 2024 में देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा- ‘राहुल गांधी अब पूरे देश में लोकप्रिय हैं और बीजेपी पांच राज्यों (राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम) में विधानसभा चुनाव हारने जा रही है। पीएम मोदी जानते हैं कि 2024 में पीएम राहुल गांधी ही होंगे और इसीलिए वह डरे हुए हैं।’ पीएम मोदी ने बिना नाम लिए राहुल गांधी पर कसा था तंज बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा मोर्चा संभाले हुए है। वहीं, कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जनसभाओं को संबोधित कर रहे है। बता दें कि 5 राज्यों में विधानसभा होने है- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना। इन्हीं में से एक राज्य एमपी के बैतूल में मंगलवार को पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने बिना राहुल गांधी का नाम लिए उनके मेड इन चाइना वाले बयान पर तंज कसते हुए कहा कि कल एक कांग्रेस के महाज्ञानी कह रहे थे कि भारत में सभी लोगों के पास मेड इन चाइना मोबाइल होता है। अरे मूर्खों के सरदार, किस दुनिया में रहते हो? कांग्रेस के नेताओं को अपने देश की उपलब्धियां ने देखने की मानसिक बीमारी हो गई है, जबकि सच्चाई यह है कि आज भारत दुनिया में मोबाइल का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता है।

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CTET

Most Important Topic of Mathematics For CTET Exam Very Important Topic of Mathematics Pedagogy TOPIC For CTET Exam CTET Exam: Important Math Questions For upcoming Exam प्राथमिक कक्षा का एक बच्चा संख्या, सेंक्रिया चिन्हों, सिक्कों एंव घड़ी की सुइयों में अन्तर स्थापित नहीं कर पाता है। यह तथ्य इंगित करता है कि इस बच्चे को निम्नलिखित में से किस प्रक्षेत्र में समस्या हैं I.    प्रक्रिया स्मृतिII.    दृश्य प्रक्रमणIII.    भाषा प्रक्रमणIV.    श्रवण स्मृति निम्नलिखित में से कौन-सा प्राथमिक स्तर पर गणित शिक्षण की पाठ्यचर्या अपेक्षाओं के साथ मेल नहीं खाता हैं I.    भिन्न को पूर्ण के अंश के रुप में प्रदर्शित करना तथा सरल भिन्नों को व्यवस्थित करनाII.    वर्गीकृत आँकड़ों के निरुपण का विश्लेषण करना तथा निष्कर्ष निकालनाIII.    दैनिक जीवन की तार्किक कार्यप्रणाली तथा गणितीय सोच के बीच संयोजन का विकासIV.    मानक परिकलन प्रणाली से संख्या-सम्बन्धी संक्रियाओं के करने में भाषा और प्रतीक चिन्हों का विकास। गणित की शिक्षा का मुख्य ध्येय है I.    ज्यामिति के प्रमेयों और उनके प्रमाणों का स्वतंत्र रुप से सृजन करना।II.    विद्यार्थियों को गणित समझने में सहायता करना।III.    उपयोगी क्षमताओं को विकसित करना।IV.    बच्चों की गणितीय प्रतिभाओं का विकास करना। एक शिक्षिका कक्षा 5 की शैलजा से एक आकृति के परिमाप के बारे में पूछती है।वह शैलजा से उसके हल को अपने शब्दों में बताने को भी कहती है। शैलजा समस्या का सही हल करने में सक्षम थी परन्तु उसकी व्याख्या करने में सक्षम नहीं थी यह शैलजा की निम्न विशेषता प्रदर्शित करता है I.    कम आत्मविश्लास स्तर तथा कम गणितीय कौशलII.    परिमाप के संप्रत्यय की कम समझ परन्तु अच्छी मौखिक योग्यताIII.    निम्न स्तरीय भाषा प्रवीणता औऱ निम्न स्तरीय गणितीय प्रवीणताIV.    निम्न स्तरीय भाषा प्रवीणता और उच्च स्तरीय गणितीय प्रवीणता। राष्ट्रीय पाठचर्या रुपरेखा 2005 के अनुसार, स्कूल में गणित शिक्षण का संकीर्ण उद्देश्य है I.    रैखिक बीजगणित से सम्बन्धित दैनिक जीवन की समस्याओं की शिक्षा।II.    संख्यात्मक कौशलों का विकास।III.    बीजगणित पढ़ना।IV.    परिकलन व मापन पढ़ाना। Online CTET Exam: सीटेट परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर Question: उच्च कक्षा में गणित की कौन सी शिक्षण विधि ज्यादा लाभदायक होती है Answer: निगमन विधि Question: गणित की सर्वाधिक प्राचीन शाखा क्या है Answer: अंकगणित Question: छोटी कक्षाओं के लिए उपयोगी विधि है Answer: आगमन विधि Question: आगमन विधि किस शिक्षण सूत्र पर आधारित है Answer: विशिष्ट से सामान्य की ओर Question: “गणित विज्ञान की रानी है “,किसका कथन है Answer: गौस का

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इस टेस्ट से चेक करें अपने Reasoning एग्जाम की तैयारी

प्रश्न (1) – जिस प्रकार FI का संबंध LO से है, उसी प्रकार PS का संबंध किससे है?(अ) VY(ब) VZ(स) WZ(द) YV प्रश्न (2) – एक पंक्ति में मोहन दाएं से 15वां है और बाएं से 16वां है, तो कितने व्यक्ति और शामिल किए जाएं कि कुल 50 व्यक्ति हो जाएं?(अ) 19(ब) 20(स) 21(द) 25 प्रश्न (3) – अंकित पूर्व की ओर 5 मीटर चला, फिर दाएं मुड़ा और 10 मीटर चला, फिर से दाएं मुड़ा और 15 मीटर चला। अब वह किस दिशा की ओर उन्मुख है?(अ) दक्षिण(ब) उत्तर(स) पश्चिम(द) कोई नहीं प्रश्न (4) – एक आदमी ने कहा,’यह लडक़ी मेरी मां के पोते की पत्नी है।’ वह आदमी लडक़ी का कौन लगता है?(अ) पिता(ब) ससुर(स) दादा(द) पति प्रश्न (5) – यदि K प्रदर्शित करता है KNOW को, तो H किसको प्रदर्शित करता है?(अ) HOUSE(ब) HUT(स) HUNGER(द) HOUR प्रश्न (6) – जिस प्रकार अच्छे का संबंध बुरे से है उसी प्रकार छत का संबंध किससे है?(अ) फर्श(ब) दीवार(स) खिडक़ी(द) कमरा प्रश्न (7) – यदि सफेद को काला कहा जाए, काला को लाल, लाल को नीला, नीला को पीला और पीला को भूरा तो स्वच्छ आकाश का रंग कैसा होगा?(अ) लाल(ब) सफेद(स) पीला(द) नीला उत्तर: 1. (अ), 2. (ब), 3. (स), 4. (ब), 5. (द), 6. (अ), 7. (स)

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