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Science

National Cancer Awareness Day

National Cancer Awareness Day 2022: The day is observed on November 7 to spread awareness about cancer, its symptoms, and how to cure it. Globally, cancer is the second leading cause of death. The most common types of cancer that occur in men are lung, prostate, colorectal, stomach, and liver cancer, and among women are breast, colorectal, lung, cervical, and thyroid cancer, according to WHO. Check your knowledge below about types of cancer. 1. Name the most common type of cancer that kills men in the world? A. Lung Cancer B. Prostate Cancer C. Liver Cancer D. Colon and Rectum Cancer Ans. A Explanation: Lung Cancer is the most common type of cancer that kills men in the world. 2. Name cancer that starts in the skin or the tissues that line other organs? A. Leukemia B. Pancreas C. Carcinoma D. None of the above Ans. C Explanation: Carcinoma is cancer that starts in the skin or tissues that line other organs. 3. Name cancer that occurs in the bone marrow and creates blood cells? A. Sarcoma B. Myeloma C. Lymphoma D. Leukemia Ans. D Explanation: Leukemia is a cancer of the bone marrow, which creates blood cells. 4. The abnormal growth of cells in the body is known as……….. A. Cancer B. Malignancy C. Both A and B D. Only A Ans. C Explanation: The abnormal growth of cells in the body is known as cancer or malignancy. 5. The most common types of treatment for Cancer are… A. Chemotherapy B. Surgery C. Radiation Therapy D. All the above Ans. D Explanation: Surgery, Chemotherapy, and Radiation therapy are the most common types of treatment for cancer. In Surgery, cancer is removed from the part of the body as much as possible. In Chemotherapy, with the help of medicines, toxic cells that are rapidly dividing cancer cells are killed. And in Radiation therapy, powerful radiation is used in the body to kill the cells of cancer. National Cancer Awareness Day 2021: Date, History, Significance, and facts about Cancer Advertisement 6. Name the cancer of connective tissues or cancer that occurs in the connective tissues in the body? A. Lymphoma B. Sarcoma C. Carcinoid D. Medulloblastoma Ans. B Explanation: The cancer of connective tissues is known as Sarcoma. Connective tissues like bones, muscles, cartilage, and blood vessels. 7. Name the most common cancer in the world, due to which women died? A. Breast Cancer B. Ovarian Cancer Advertisement C. Rectal Cancer D. Vaginal Cancer Ans. A Explanation: Breast Cancer is the most common cancer that kills women in the world. Let us tell you that the three most common cancer due to which in the world women die are breast cancer, lung cancer, and stomach cancer. 8. Stomach Cancer is also known as… A. Gastric Cancer B. Oesophageal Cancer C. Diaphragm Cancer D. Duodenum Cancer Ans. A Explanation: Stomach cancer is cancer that occurs in the stomach and is known as gastric cancer. 9. When a thin membrane that covers the chest and abdomen starts to multiply in a rapid and uncontrollable way, then what type of cancer is formed in the body? A. Mesothelioma B. Mycosis C. Merkel Cell Carcinoma D. None of the above Ans. A Explanation: A rare type of cancer known as Mesothelioma, develops when the cells of the mesothelium (a thin membrane that covers the chest and abdomen) start to multiply in a rapid and uncontrollable way. 10. Name the Cancer which is known as The Silent Killer? A. Stomach Cancer B. Liver Cancer C. Lung Cancer D. Brain Cancer Ans. B Explanation: It is seen that the majority of the people who suffer from Liver Cancer seem healthy and show no early signs or symptoms and so, is known as The Silent Killer. Therefore, we can say that there are various types of cancers that occur in the human body with several symptoms. India faces a serious threat from the condition of those who pass away from cancer. 8.5 lakh people in India passed away from cancer in 2020. National Cancer Awareness Day 2020 is observed annually on November 7 in order to increase public awareness around cancer and its fatality rate,

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कचरा -संग्रहण एवं निपटान

❍ एक कदम स्वच्छता की ओर भारत के प्रधानमंत्री ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान का शुभारंभ किया । ❍ हमारे दैनिक क्रियाकलापों से कचरा उत्पन्न होता है। ❍ भराव :- वह स्थान है , जहाँ शहर अथवा नगर के कचरे को एकत्र करके पाटा जाता है।     ❍ कम्पोस्टिंग :- रसोई घर के अपशिष्ट सहित पौधों एवं जंतु अपशिष्टों को खाद में परिवर्तित करना कम्पोस्टिंग कहलाता है। ❍ वर्मीकम्पोस्टिंग :- रसोइ घर के कचरे को कृमी अथवा लाल केंचुओं द्वारा कंपोस्ट में परिवर्तित करना वर्मीकम्पोस्टिंग कहलाता हैं।     ❍ अपशिष्ट :- अपशिष्ट पदार्थ नियमित रूप से इकट्ठा होने वाले उस कचरे को कहा जाता है, जो रोज कारखानों, ऑफिस, घरों, एवं अन्य इमारतों की साफ-सफाई के बाद एकत्रित होता है, तथा जिसे हम कचरापात्र या सड़क और नदियों में ऐसे ही फेंक देते है|   ❍ पुनर्चक्रण :- कचरे को कुछ नए रूप के सामग्री में बदलना। ग्लास, पेपर, प्लास्टिक, और धातु जैसे एल्यूमीनियम और स्टील सभी का आम तौर पर पुनर्नवीनीकरण या पुनर्चक्रण किये जा सकते हैं।     ❍ रीसाइक्लिंग पृथ्वी को बचाता है – एक उत्पाद का पुनर्नवीनीकरण पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है। ❍ पुनर्चक्रण ऊर्जा बचाता है – सामग्री से एक नया उत्पाद बनाने की अपेक्षा उसी उत्पाद को रीसाइक्लिंग करने से कम ऊर्जा खर्च होती है।     ❍ पुनर्चक्रण कागज प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, ऊर्जा की बचत होती है, कम कर देता है ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन , और रहता है लैंडफिल अंतरिक्ष कचरा के अन्य प्रकार है कि पुनर्नवीनीकरण नहीं किया जा सकता के लिए मुफ्त   ❍ लगभग अगले 20 वर्षों तक भराव क्षेत्र पर कोई भवन निर्माण नही किया जाता।   ❍ कचरे के उपयोगी अवयव के निपटान के लिए भराव क्षेत्रों का पास कम्पोस्ट बनाने वाले क्षेत्र विकसित किए जाते हैं।     ❍ कुछ शहरों तथा नगरों में नगरपालिकाएँ दो प्रकार के कचरे को एकत्र करने के लिए दो पृथक कुड़ेदान प्रदान करती है।

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विधुत तथा परिपथ

❍विधुत :- किसी चालक में विद्युत आवेशों के बहाव से उत्पन्न ऊर्जा को विद्युत कहते है। ❍ विधुत के प्रकार :- स्थिर विद्युत आवेश के रूप में होता हैं और इसे अधिक मात्रा में उतपन्न नही कर सकते है। गतिशील विद्युत का उत्पादन बहुत अधिक मात्रा में किया जा सकता हैं।   ❍ विद्युत सेल: ❍ घनात्मक :- विद्युत सेल में धातु की टॉपी धनात्मक सिरा कहलाता है। ❍ ऋणात्मक :- धातु की डिस्क ऋणात्मक सिरा कहलाता है।    ❍ विद्युत-सेल में संचित रासायनिक पदार्थों से सेल विद्युत उत्पन्न करता है।   ❍ तंतु :- प्रकाश उत्सर्जित करने वाले पतले तार को बल्ब का तंतु कहते हैं।   ❍ विधुत – परिपथ :- वह पथ जिसमे इलेक्ट्रॉन एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक प्रवाहित हो सके, विद्युत परिपथ कहलाता है। विधुत परिपथ चार प्रकार के होते है – 1.खुला परिपथ 2.बंद परिपथ 3.लघु परिपथ 4.लीकेज परिपथ   विधुत -परिपथ विद्युत् -धारा की विद्युत् – सेल के (+) टर्मिनल से ( -) टर्मिनल की ओर होती हैं। जब बल्ब टर्मिनलों को तार के द्वारा विद्युत् – सेल के टर्मिनलों से जोड़ा जाता है तो बल्ब के तंतु से होकर विद्युत् -धारा प्रवाहित होती है। यह बल्ब को दीप्तिमान करती है।      ❍ विधुत – स्विच :- विद्युत् -बल्ब को ‘ ऑन ‘ अथवा ‘ ऑफ ‘ करने में विद्युत् – सेल की नोक से स्पर्श कराते अथवा हटाते है। ❍ विधुत – चालक :- जिन पदार्थों से होकर -धारा प्रवाहित हो सकती है , विद्युत् – चालक कहलाते हैं। उदाहरण – चांदी, तांबा, एल्युमीनियम आदि ।   ❍ विधुत अचालक :- वे पदार्थ जिनमें विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होती है, अचालक पदार्थ कहलाते हैं तथा इनमें मुक्त इलेक्ट्राॅन नहीं (न के बराबर) होते है । उदाहरण – रबर, प्लास्टिक, कांच आदि ।

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गति एवं दूरियों के मापन

❍प्राचीन काल में लोग पैदल चलते थे , जल मार्गों में आने-जाने के लिए नावों का उपयोग करते थे । ❍ यातयात साधन :- आने-जाने के साधन को यातायात कहते हैं। ❍ सड़क परिवहन :- साइकिल , मोटरसाइकिल , कार , बस एवं रेलगाड़ी आदि । ❍ वायु परिवहन :- हेलीकॉप्टर , जेट विमान , हवाई जहाज आदि । ❍ जल परिवहन :- नाव , स्टीमर , पानी जहाज आदि ।    ❍ मात्रक :- मापन के एक निश्चित राशि को मात्रक कहते हैं। ❍ माप के परिणाम :- 1. संख्या भाग और  2. मात्रक भाग ❍ लम्बाई मापने के प्राचीन तरीके हैं :- पैर की लम्बाई , अंगुली की चौड़ाई , हाथ की लम्बाई , एक कदम की दूरी आदि ।   ❍ लम्बाई मापने के आधुनिक तरीके हैं :- मिलीमीटर , सेंटीमीटर , मीटर , तथा किलोमीटर आदि ।   ❍ संसार के विभिन्न भाग प्रयोग  :- मात्रक के रूप   ❍ 1 गज में कितना फुट होता है एक गज में 3 फुट होता है।   ❍ 1 गज में कितना इंच होता है 1 गज में 36 इंच होता है।   ❍ 1 गज में कितना मीटर होता है 1 गज में 0.91 मीटर होता है।   ❍ 100 गज में कितने फुट होते हैं 100 गज में 300 फुट होता है।   ❍ 1 बीघा में कितना गज होता है 1 बीघा में 965 गज होता है। (अलग – अलग राज्य में ये मापन अलग आयेगा)   ❍ 1 गज में कितने स्क्वायर फुट होता है 1 गज में 9 स्क्वायर फुट होता है   ❍ फुट क्या है :- फीट और फुट एक लम्बाई की इकाई होती है, जिसे शाही और अमेरिकी प्रथागत प्रणालियों द्वारा मान्यता प्राप्त है. साल 1959 में दोनों इकाइयों को अंतर्राष्ट्रीय समझौते द्वारा 0.3048 मीटर के बराबर माना गया है.   ❍ फीट, फुट का बहुवचन होता है. एक फुट में 12 इंच और एक गज में 3 फ़ीट होते हैं. ❍ 1 फुट में 12 इंच, 30.48 सेंटीमीटर और 0.3048 मीटर होता है.   ❍ वर्ग फीट क्या है :- 1 वर्ग फीट और कुछ नहीं बल्कि 1 फुट x 1 फुट होता है, ये एक वर्ग होता हैं जिसकी चारों दीवारे 1 फुट की होती हैं और इसका क्षेत्रफल 1 वर्ग फीट होता है.   ❍ हम इसे इस प्रकार भी समझा सकते हैं कि Side ^2 =(1Foot) ^ 2=1 Square Foot ❍ फीट को हम फुट के नाम से भी जानते हैं, एक फ़ीट का अर्थ 30.48 सेंटीमीटर होता है और 1 वर्ग फीट का अर्थ 929.0304 (सेंटीमीटर)^२ होता है.   ❍ 1790 में , फ्रंसिसियों ने मापन की एक मानक प्रणाली की रचना की जिसे ‘ मीटर पद्धति ‘ कहते हैं।   ❍ S.I मात्रक :- ‘ अंतर्राष्टीय मात्रक प्रणाली ‘ संसार के वैज्ञानिकों ने मापन के मानक मात्रकों के एक सेट को स्वीकार कर लिया है। ❍ सेंटीमीटर :- प्रत्येक मीटर (M) को 100 बराबर भागों में विभाजित किया जाता है , जिन्हें सेंटीमीटर (Cm) कहते हैं।   ❍ मिलीमीटर :- एक सेंटीमीटर के दस बराबर भाग होते हैं , जिन्हें मिलीमीटर (mm ) कहते हैं। 1m = 100 cm 1cm = 10 mm   ❍ किलोमीटर :- लंबी दूरियों के मापन के लिए बड़े मात्रक का प्रयोग करते हैं। 1 km = 1000 m   ❍ वक्र रेखा :- विभिन प्रकार की आकृतियों को मापने के लिए धागे का प्रयोग करते हैं। फिर धागे से मापक से मापना चाहिए। जैसे :- वृत्त को मापना   ❍ गति :- समय के साथ किसी वस्तु की स्थिति में परिवर्तन को गति कहते हैं।     ❍ वर्तुल गति :- जब कोई वस्तु किसी वृत्ताकार मार्ग पर गति करती है तो इसे वस्तु की वर्तुल गति कहा जाता है। जैसे :- घड़ी की सुई , पंखे की पंखुड़ियाँ आदि   ❍ आवर्ती गति :- जब कोई बस्‍तु एक निश्चित पथ पर गतिमान हो तथा T एक निश्चित समय अंतराल के बाद बार-बार अपनी पूर्व गति को दोहराती है तो इस प्रकार की गति केा आवर्ती गति कहते है। ❍ उदाहरण :- 1.प्रथ्‍वी का सूर्य के चारो ओर परिक्रमा करने में 365.5दिन का समय लगता है तथा इतने समय अंतराल के बाद अपनी पूर्व गति को दोहराती है । अत: 365.5 दिन उसका आवर्तकाल है 2.घडी की सुईयों की गति व घडी के पेण्‍डुलम की ग‍ति भी आवर्ती गति का उदाहरण है 3.झूले में झूलना ओर अणुओं में परमाणुओं के कम्‍पन भी आवर्ती गति है 4.ह्रदय का धडकना भी आवर्ती गति होती है

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पौधों को जानिए

❍ शाक :- हरे एवं कोमल तने वाले पौधे शाक कहलाते हैं। ❍ झाड़ी :- कुछ पौधों में शाखाएँ तने के आधार के समीप से निकलती हैं। तना कठोर होता है परंतु अधिक मोटा नही होता इन्हें झाड़ी कहते हैं।   ❍ वृक्ष :- कुछ पौधे बहुत ऊँचे होते है इनके तने सुदृढ़ एवं गहरे भूरे होते हैं। इनमें शाखाएँ भूमि से अधिक ऊँचाई पर तने के ऊपरी भाग से निकलती हैं इन्हें ही वृक्ष कहते हैं।   ❍ लता :- कमजोर तने वाले पौधे सीधे खड़े नही हो सकते और ये भूमि पर फैल जाते हैं इन्हें ही लता कहते हैं।   ❍ आरोही :- कुछ पौधे आस-पास के ढाँचे की सहायता से ऊपर चढ़ जाते हैं ऐसे पौधे आरोही कहलाते हैं।तने पौधे को सहारा देते है और जल तथा खनिज के परिवहन में सहायता करते। हैं उदाहरण :- मनी प्लांट का पौधा     ❍ फलक :- पत्ती के चपटे हरे भाग को फलक कहते हैं।   ❍ शिरा :- पत्ती की इन रेखित संरचनाओं को शिरा कहते हैं।   ❍ शिरा-विन्यास :- घास की पत्तियों में यह शिराएँ एक दूसरे के समांतर हैं। ऐसे शिरा-विन्यास को समांतर शिरा-विन्यास कहते है।   ❍ रन्ध्र :- पत्तियों की सतह पर छोटे-छोटे छिद्र पाए जिन्हें रन्ध्र कहते है। रन्ध्र से गैसों का और वाष्पोत्सर्जन की क्रिया भी होती हैं। ❍ पर्णवृन्त :- पत्ती का वह भाग जिसके द्वारा वह तने से जुड़ीं होती है , पर्णवृन्त कहते है।

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हमारे चारों ओर के परिवर्तन

❍ हमारे चारों ओर बहुत से परिवर्तन अपने आप होते रहते हैं। ❍खेतो  में फसलें समयनुसार बदलती रहती हैं । ❍पत्तियाँ रंग बदलती हैं और सूखकर पेड़ो से गिर जाती हैं। ❍फूल खिलते हैं और फिर मुरझा जाते हैं। ❍परिवर्तन :- पदार्थों को गर्म करके या किसी अन्य पदार्थ के साथ मिश्रित करके उनमें परिवर्तन लाए जा सकते है।   ❍उत्क्रमित :- इसमें कुछ परिवर्तन किया जा सकता है। जबकि कुछ में परिवर्तन को उत्क्रमित नही किया जा सकता हैं।   ❍उत्क्रमित परिवर्तन :- ऐसे परिवर्तन जिसको पुनः अवस्था में लाया जा सकता हैं। ❍जैसे :- आटे को लोई को बेलकर रोटी बनती है , इससे पुनः लोई में परिवर्तन किया जा सकता हैं।   ❍उत्क्रमित अपरिवर्तन :- ऐसे परिवर्तन जिन्हें अपने पूर्व अवस्था में नही लाया जा सकता । ❍जैसे :- जबकि पकी हुई रोटी से पुनः लोई नही प्राप्त किया जा सकता हैं।   ❍ प्रसार :- जब कोई वस्तु गर्म होने से फैलता है या पिघलने लगता है तो उसे प्रसार कहते हैं। ❍ संकुचन :- जब किसी वस्तु को गर्म किया जाता है तो यह फैल जाता है और ठंडा होने पर सिकुड़ जाता है , इसे ही संकुचन कहते हैं।   ❍आवर्ती परिवर्तन :- वह परिवर्तन जिनकी नियमित समय अंतरालों के बाद पुनरावृति होती है । जैसे :- सूरज का उगना ❍अनावर्ती परिवर्तन :- वह परिवर्तन जिनकी नियमित समय अंतरालों के बाद पुनरावृति नही होती है।   ❍गलन :- किसी वस्तु का किसी निश्चित तापमान पर द्रव अवस्था मे परिवर्तित होना गलन कहलाता हैं   ❍वाष्पन :- जल को उसके वाष्प में परिवर्तन करने की प्रक्रिया को वाष्पन कहते हैं।

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तंतु से वस्त्र

 तंतु :- एक प्रकार से रेशे होते है जिससे तागे या धागे बनाये जाते हैं।   प्राकृतिक तंतु :- जो तंतु पादपों या जंतुओं से प्राप्त होते है उन्हें प्राकृतिक तंतु कहते है। पादपों से प्राप्त तंतु :- कपास , रुई , जुट , पटसन आदि । जंतुओं से प्राप्त तंतु :– ऊन तथा रेशम आदि। ऊन भेड़ , बकरी , याक , खरगोश प्राप्त होता है।   रेशमी तन्तु रेशम-कीट कोकून से खींचा जाता है। संश्लिष्ट तंतु :- रासायनिक पदार्थों द्वारा बनाये गए तंतु को संश्लिष्ट तंतु कहते है। जैसे :- पुलिएस्टर , नायलॉन , और एक्रिलिक संश्लिष्ट तंतुओं के उदाहरण है। पादप तंतु :- जो तंतु पादपों से प्राप्त होता है।     रुई :- रुई एक प्राकृतिक तंतु जो पौधों से प्राप्त होता है। कपास की फसल :– काली मृदा तथा जलवायु उष्ण में होती है।   कपास पादप के फल ( कपास गोलक ) के पूर्ण परिपक्व होने के बाद कपास बॉलों से कपास हस्त चयन द्वारा प्राप्त किया जाता है। कपास ओटना :- कपास से बीजों को कंकतन द्वारा पृथक किया जाता है इस प्रक्रिया को कपास ओटना कहते हैं।   आजकल कपास ओटने के लिए मशीनों का उपयोग भी किया जाता है। पटसन तंतु को पटसन पादप के तने से प्राप्त किया जाता है। भारत में इसकी खेती वर्षा-ऋतू में की जाती है। भारत में पटसन को प्रमुख रूप से पश्चिम बंगाल , बिहार तथा असम में उगाया जाता है। फसल कटाई के पश्चात पादपों के तने को कुछ दिनों तक जल में डुबाकर रखते हैं।   पृथक :- पटसन-तंतुओं से हाथों द्वारा पृथक कर दिया जाता है।   कताई :- रेशों से तागा बनाने की प्रक्रिया को कताई कहते है। इस प्रक्रिया में , रुई के एक पुंज से रेशों को खींचकर ऐंठते हैं जिससे रेशे पास-पास आ जाते है और तागा बन जाता है।   तकली :- कताई के लिए एक सरल युक्ति ‘ हस्त तकुआ ‘ का उपयोग किया जाता है तकली कहते है।   चरखा :- हाथ से प्रचलित कताई में उपयोग होने वाली एक अन्य युक्ति चरखा है। तागो की कताई का कार्य कताई मशीनों की सहायता से किया जाता है।   तागो से वस्त्र बनाने की विधियाँ :– बुनाई तथा बंधाई बुनाई :- तागो के दो सेंटो को आपस में व्यवस्थित करके वस्त्र बनाने की प्रक्रिया को बुनाई कहते है।

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भोजन यह कहाँ से आता है ?

संघटक :- भोजन बनाने के लिए हमें कई चीजों की आवश्यकता पड़ती है जिसे संघटक कहते है। जैसे :- कच्ची सब्जियां , नमक , मसाला , तेल आदि। खाद्य पदार्थों के स्रोत :- जिन-जिन चीजों से हम अपना भोजन प्राप्त करते हैं उन्हें ही खाद्य पदार्थों का स्रोत कहते है। 1. पौधे :- गेंहू , धान , दाल , सब्जी , तथा फल आदि। 2. जंतुओं :- दूध , अंडा , माँस , घी , दही तथा पनीर आदि।   भोजन के रूप :– पौधे हमारे भोजन का एक मुख्य स्रोत है। खाने योग्य भाग :- कुछ पौधों के दो या दो से अधिक भाग खाने योग्य होते है। तना , जड़ ,फल , पत्ता ,फूल आदि ।जैसे :- 1.आलु का तना खाया जाता है। 2. मूली का जड़ खाया जाता है। 3.लौकी का फल खाया जाता है। 4.पालक का पत्ता खाया जाता है। 5. सीताफल के फूल पकौड़े बनाए जाते है।    अंकुरण :- बीज से शिशु पौधें का उगाना अंकुरण कहलाता है। अंकुरित :- अंकुर बीजों से एक सफेद रंग की धागे जैसी संरचना निकलती है जिसे अंकुरित कहते है।   मकरंद :- मधुमक्खियों द्वारा इकट्ठा की गई फूलों से मकरंद ( मीठे रस ) एकत्रित करके छत्ते में भंडारित करती है जो बाद में शहद बन जाती है। मधुमक्खियों द्वारा भंडारित भोजन का शहद के रूप में उपयोग करते हैं।   खाद्य स्रोत के आधार जंतुओं को तीन वर्गों में विभाजित किया गया है। 1. शाकाहारी :- जो जंतु केवल पादप खाते हैं। जैसे – हिरण , गाय , बकरी , खरगोश आदि।   2. मांसाहारी :- जो जंतु केवल जंतुओं को ही खाते हैं। जैसे – शेर , बाघ , लोमड़ी , आदि।   3. सर्वाहारी :- जो जंतु पादप और दूसरे प्राणी , दोनों को ही खाते हैं। मनुष्य , कौआ , कुत्ता आदि।

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हमारा देश : भारत

 हमारा देश भारत :- भारत एक बहुत बड़े भौगोलिक विस्तार वाला देश है। उत्तर में यह हिमालय के ऊँचे शिखरों से घिरा है। पश्चिम में अरब सागर , पूर्व में यह बंगाल की खाड़ी तथा दक्षिण में हिंद महासागर भारतीय प्रायद्वीप के तटों पर लहराते हैं।   भारत का क्षेत्र फल 32.8 लाख किमी. है। उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक इसका विस्तार लगभग 32,00 किमी. है तथा पूर्व में अरुणाचल प्रदेश प्रदेश से लेकर पश्चिम में कच्छ तक इसका विस्तार लगभग 29,00 किमी. तक है।   भारत की स्थिति :- भारत उत्तरी गोलार्ध में स्थित है। कर्क रेखा (23.30’उ.) देश के लगभग मध्य भाग से होकर गुजरती है। दक्षिण स उत्तर की ओर भारत की मुख्य भूमि का विस्तार 8.4 ‘उ. तथा 37.6 ‘उ. अक्षांशो के बीच है। पश्चिम से लेकर पूर्व तक भारत का विस्तार 68.7 ‘पू. तथा 97.25 ‘पू. देशांतरों के बीच है।   देशांतरीय विस्तार लगभग 29 के कारण यहाँ के दो छोर पर पर स्थित स्थानों के स्थानीय समय में बहुत अधिक अंतर् हो सकता था। इस तरह की दुरी पर स्थित दो स्थानों के बीच समय का अंतर् लगभग दो घंटे का होगा। प्रत्येक 1 देशांतर के लिए स्थानीय समय में 4 मिनट का अंतर होता है।   पश्चिम में गुजरात के अपेक्षा पूर्व के अरुणाचल प्रदेश में सूर्योदय लगभग दो घंटे पहले होता है।   राजनीतिक  एवं प्रशासनिक विभाजन :- भारत एक विशाल देश है। प्रशासनिक क्रियाकलापों के लिए देश को 28 राज्यों एवं 8 केन्द्रशसित प्रदशों में बाँटा गया है। 2 जून 2014 को तेलंगाना भारत का 29 वां राज्य बना। पहले यह आंध्र प्रदेश का एक भाग था।   भारत की राजधानी – नई दिल्ली है। राज्यों का निर्माण मुख्यत: भाषाओं के आधार पर हुआ है। क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य राजस्थान तथा सबसे छोटा राज्य गोवा है। राज्यों को जिलों में बाँटा गया है।   भौतिक विभाजन :- भारत में भौतिक आकृतियाँ विभन्न प्रकार की है ; जैसे – पर्वत , पठार , मैदान , तट तथा द्वीपसमूह। भारत के उत्तर में हिमालय है। हिम +आलय का मतलब होता है बर्फ का घर। भारत के पश्चिमी भाग में भारतीय महामरूस्थल स्थित है। उत्तरी मैदानों के दक्षिण में प्रायद्वीपीय पठार स्थित है। पश्चिमी घाट के पश्चिम में तथा पूर्वी घाट के पूर्व में तटीय मैदान स्थित हैं। गंगा एवं ब्रह्मपुत्र नदियाँ विश्व के सबसे बड़े डेल्टा का निर्माण करती है , जिसे सुंदरबन डेल्टा कहा जाता है। भारत में दो द्वीपसमूह हैं :- लक्षद्वीप द्वीपसमूह अरब सागर में स्थित हैं। अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह भारत से दक्षिण-पूर्व दिशा में बंगाल की खाड़ी में स्थित हैं।   क्र. सं. राज्य              राजधानी 1 आंध्रप्रदेश            –  अमरावती 2 अरुणाचल प्रदेश   –   ईटानगर 3 असम                 –    दिसपुर 4 बिहार                 –    पटना 5 छत्तीसगढ़           –    रायपुर 6 गोवा                   –   पणजी 7 गुजरात               –   गांधी नगर 8 हरियाणा              –  चण्डीगढ़ 9 हिमाचल प्रदेश      –   शिमला 10 झारखंड             –   रांची 11 कर्नाटक             –  बेंगलुरु 12 केरल                 –  तिरुवनंतपुरम 13 मध्य प्रदेश          –   भोपाल 14 महाराष्ट्र              -मुंबई 15 मणिपुर              – इम्फाल 16 मेघालय              – शिलोंग 17 मिज़ोरम             – आइज़ोल 18 नागालैंड             -कोहिमा 19 ओडिशा               -भुवनेश्वर 20 पंजाब                 -चण्डीगढ़ 21 राजस्थान             – जयपुर 22 सिक्किम             – गगंटोक 23 तमिलनाडु            – चेन्नई 24 तेलंगाना                – हैदराबाद 25 त्रिपुरा                  –  अगरतला 26 उत्तरप्रदेश              -लखनऊ 27 उत्तराखंड             –  देहरादून 28 पश्चिम बंगाल           – कोलकाता   क्र. सं. केंद्र शासित प्रदेश राजधानी 1 अंडमान और निकोबार  द्वीप  –  पोर्ट ब्लेयर 2 चंडीगढ़                               – चंडीगढ़ 3  दिल्ली                                –  दिल्ली 4  लद्दाख                                –  लेह 5 लक्षद्वीप                               – कवरत्ती 6 पुडुचेरी                                –  पुडुचेरी 7 दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव दमन 8  जम्मू और कश्मीर (गर्मियों में) श्रीनगर और (सर्दियों में) जम्मू     देश के अन्य नाम – हिन्दुस्तान, इंडिया, आर्यव्रत , भारत देश की राजधानी – नई दिल्ली देश का क्षेत्रफल – 32,87,263 भारत की राष्ट्रभाषा – हिंदी कुल राज्य – 29 केंद्र शासित प्रदेश – 7 कुल जिले – 640 कुल गाँव – 6.40 लाख (लगभग) देश का अक्षांशीय विस्तार – 84०उत्तरी अक्षांश से 37०6’ उत्तरी अक्षांश तक देश का देशान्तरीय विस्तार – 68०7’ पूर्वी देशांतर से 97०25’पूर्वी देशांतर तक पूर्व से पश्चिम तक देश का विस्तार – 2,934 कि. मी. उत्तर से दक्षिण तक देश का विस्तार – 3,21,4 कि. मी. मानक समय के लिए चयनित स्थान – इलाहबाद देश के दक्षिण छोर से भूमध्य रेखा की दूरी – 876 कि.मी. देश की मुख्य भूमि पर सबसे दक्षिणी छोर – कन्याकुमारी भारत की स्थलीय सीमा कुल लम्बाई – 15,200 कि. मी. भारत की सीमा से सटे देश – नेपाल, भूटान, चीन, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान भारतीय सीमा को स्पर्श करनेवाला सागर तथा समुद्र – हिन्द महासागर, अरब सागर , बंगाल की

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मानचित्र

मानचित्र – पृथ्वी की सतह या इसके एक भाग का पैमाने के माध्यम से चपटी सतह पर खींचा गया चित्र है।   1 विश्व ग्लोब के निर्माता – मार्टिन बैहम 2 विश्व मानचित्र के निर्माणकर्त्ता – अनेग्जी मेण्डर 3 भूगोल के जनक – हिकेटियस 4 व्यवस्थित भूगोल के जनक – इरैटोस्थनीज   भौतिक मानचित्र – पृथ्वी की प्राकृतिक ; जैसे पर्वतों , पठारों , मैदानों , नदियों महासागरों इत्यादि को दर्शाने वाले मानचित्र को कहते है।   राजनितिक मानचित्र – राज्यों , नगरों , शहरों तथा गाँवों और विश्व के विभिन्न देशों व् राज्यों तथा उनकी सीमाओं को दर्शाने वाले मानचित्र को को कहते है।   थीमैटिक मानचित्र – कुछ मानचित्र विशेष जानकारियाँ प्रदान करते हैं ; जैसे सड़क मानचित्र , वर्षा मानचित्र , वन तथा उद्योग आदि के विवरण दर्शाने वाले मानचित्र इत्यादि।   मानचित्र के तीन घटक हैं – दूरी , दिशा और प्रतीक। 1. दूरी – मानचित्र एक आरेखण होता है जो की पुरे विश्व या उसके एक भाग को छोटा मानचित्र के छोटे पैमाने पे खीचें जाते है। 2. दिशा – अधिकतर मानचित्र में ऊपर दाहिनी तरफ तीर का निशान बना होता है। ये तीर का निशान दिशा को दर्शाता है। 3. प्रतीक – किसी भी मानचित्र पर वस्तविक आकार एवं प्रकार में विभिन्न आकृतियों ; जैसे भवनों , सड़को , पुलों , वृक्षों , रेल की पटरियों या कुएँ को दिखाना संभव नहीं होता है। इसलिए , वे निश्चित अक्षरों , छायाओं , रंगों , चित्रों तथा रेखाओं का उपयोग करके दर्शाए जाते हैं। रूढ़ प्रतीक – विभिन्न रंगो का उपयोग भी इसी उद्देश्य से किया जाता है। उदाहरण के लिए सामान्यत : नील रंग का इस्तेमाल जलाशयों , भूरा रंग पर्वतों , पीला रंग पठारों , और हरा रंग मैदानों को दर्शाने के लिए किया जाता है। रेखाचित्र – आप अपने मित्र के घर जाना चाहते है , लेकिन आपको रस्ते की जानकारी नहीं है। आपका मित्र अपने घर के रास्ते को बताने के लिए एक कच्चा आरेखण बना सकता है।

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