2. NTPC का राजस्थान में कोयला आधारित पहला प्लांट ➥ छाबड़ा ( बारां) में एनटीपीसी तथा राजस्थान सरकार मिलकर कोयला आधारित प्लांट लगाएगी। इस प्लांट की क्षमता 1600 मेगावाट होगी जिसमें 800- 800 मेगावाट की दो इकाइयां होगी। इस प्लांट का संचालन एनटीपीसी द्वारा किया जाएगा। छाबड़ा ( बारां) एनटीपीसी का राजस्थान में कोयला आधारित पहला संयंत्र होगा। नोट:- राजस्थान में कोयला आधारित पहला प्लांट, कोटा सुपर थर्मल पावर प्लांट है। यह प्लांट, कोटा में चंबल नदी के पश्चिमी तट पर बना है। इसका संचालन साल 1983 में शुरू हुआ था & इस प्लांट को भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स ने विकसित किया था & फ़िलहाल, यह प्लांट राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के स्वामित्व में है। हाल ही में राजस्थान सरकार ने 28.5 गीगावॉट सौर ऊर्जा क्षमता और हरित हाइड्रोजन सुविधा हेतु एनटीपीसी, सीआईएल, एनएलसी इंडिया और एसजेवीएन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। 2. देवीकोट सोलर प्लांट : जैसलमेर ➥हाल ही अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड द्वारा राजस्थान के जैसलमेर में 180 मेगावाट का सोलर प्लांट शुरू किया गया। इसके साथ ही अब जैसलमेर में सोलर तथा विंड से ऊर्जा उत्पादन क्षमता 7500 मेगावाट से अधिक हो गई है। नोट:- नेड़ान हाइब्रिड प्लांट: जैसलमेर अदानी ग्रीन एलर्जी लिमिटेड द्वारा नेडान जैसलमेर में हाइब्रिड प्लांट लगाया जा रहा है। नेड़ान,जैसलमेर में 250 मेगावाट विंड तथा 600 मेगावाट सोलर एनर्जी का प्लांट लगाया जा रहा है। 3. अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान – राजस्थान ➥ राजस्थान अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है जिसका कुल उत्पादन 25266 MW है। 4. गगन शक्ति युद्धाभ्यास – जैसलमेर ➥ भारतीय वायुसेना के द्वारा गगन शक्ति युद्धाभ्यास का आयोजन पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज, जैसलमेर में 1 अप्रैल से 10 अप्रैल 2024 तक किया जाएगा। 5. खाभा फोर्ट – जैसलमेर ➥ 700 साल पुराने खंडहर हो चुके खाभा फोर्ट का 1 करोड़ में जीर्णोद्वार जीर्णोदार कर यहां जियोलॉजिकल म्यूजियम बनाया जाएगा। 18वीं शताब्दी में पालीवाल ब्राह्मणों ने एक ही रात में खाभा गांव को खाली किया। 5. शीतला माता का मेला – चैत्र कृष्णा अष्टमी को भरता है:- ➥ स्थान – शील डूंगरी ( चाकसू,जयपुर ) शील डूंगरी, चाकसू में मंदिर निर्माण करवाया :– सवाई माधो सिंह प्रथम दारा । शीतला माता का अन्य नाम -“सेढ़ , शीतला , सेढल, माई अनामा, महामाई” शीतला माता का मेला की तिथि – चैत्र कृष्णा अष्टमी शीतला माता की खंडित मूर्ति की पूजा की पूजा की जाती है। शीतला माता को चेचक निवारक , बच्चो की संरक्षिका देवी , बांझ स्त्रियां पुत्र प्राप्ति के लिए व्रत ” के लिए विशेष रुप से पूजा करते है। शीतला माता की सवारी = गधा चैत्र कृष्णा अष्टमी को राजस्थान में इस दिन ‘बास्योडा ‘ मनाते हैं (बास्योडा– ठ्न्डा भोजन खाया जाता है।) इस समय जोधपुर में राजा सातल की याद में घुडला नृत्य किया जाता है। 6. केसरियाजी तीर्थ, या ऋषभदेव का मेला -चैत्र कृष्णा अष्ट्मी एवं नवमी को ➥ ऋषभदेव, जिसे धुलेव के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान के उदयपुर में, जो केसरियाजी तीर्थ, या ऋषभदेव जैन मंदिर का घर है, यह पहले जैन तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव को समर्पित है। भक्तों को केशरियानाथ, कालाजी बावजी, केशरिया बाबा और धुलेवधनी भी कहा जाता है मंदिर के केंद्रीय मंदिर के चारों ओर 52 छोटे गुंबद हैं, जिसमें एक बड़ा गुंबद मुख्य मंदिर है। 7. डाबरी ग्रामीण पर्यटन इकाई – कोटा ➥ हाल ही में राज. सरकार द्वारा नई पर्यटन नीति के तहतअ विलेज टूरिज्म काे प्राेत्साहित करने के लिए काेटा में पहली ग्रामीण पर्यटन इकाई डाबरी में तैयार की है। जिला पर्यटन विभाग में इसका पंजीयन हुआ है & 65 बीघा में यह डेस्टिनेशन गांव के नजदीक खेताें के बीच है। इसमें स्वीमिंग पुल है एवं आसपास अमरूद, संतरे, बांस आदि के कई पाैधे भी हैं। पत्थराें से बनी चार कुटियाएं हैं, जाे हाड़ाैती के गांवाें के स्थापत्य कला एवं संस्कृति का परिचय करवाती है। 7. राजस्थान हरियाणा यमुना जल समझौता ➥ हाल ही में 17 फरवरी, 2024 को नई दिल्ली में केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की उपस्थिति में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा व हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के मध्य यमुना नदी जल समझौता सम्पन्न हुआ। राजस्थान को हथिनीकुंड (ताजेवाला) हैड से यमुना का पानी मिलेगा। दोनों राज्यों में भूमिगत पाइपलाइन डाली जायेगी। 3 पाइप लाइन राजस्थान में और एक पाइप लाइन हरियाणा में डाली जानी है। राजस्थान को 577 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी जुलाई से अक्टूबर के मध्य मिलेगा। राजस्थान हरियाणा यमुना जल समझौता से राजस्थान के लाभान्वित जिले- सीकर, चूरू, झुंझुनूं, नीम का थाना जिला को पेयजल व सिंचाई हो सकेगी। इसमे चूरू के हांसियावास व ताम्बाखेड़ी के निकट कृत्रिम बाँध बनाया जायेगा। जो चूरू जिले का सबसे बड़ा बांध होगा । हरियाणा के भिवानी और हिसार जिलों को इस प्रोजेक्ट से पानी मिलेगा।