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List of Top 10 Tallest Statues in the World: दुनिया की शीर्ष 10 सबसे ऊंची मूर्तियों की सूची

इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं की निशानी के प्रतीक के रूप में और महान व्यक्तित्वों का सम्मान करने के लिए दुनिया भर में अनेक प्रभावशाली मूर्तियाँ खड़ी हैं. इन मूर्तियों में कुछ मूर्तियाँ इतनी ऊँची तथा विशिष्ट हैं कि ये उस ख़ास शहर की हीं नहीं बल्कि दुनिया का मुख्य आकर्षण बनने के लिए पर्याप्त हैं. दुनिया की 10 सबसे ऊंची मूर्तियाँ निम्नलिखित हैं- यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, Top 10 Tallest Statues in the World 1. लिंगशान, चीन की भव्य बुद्ध प्रतिमा, ऊँचाई – 88 मीटर यह चीन में बुद्ध की सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक है, जो लोंगशान पर्वत पर स्थित है. इस मूर्ति की ऊंचाई 88 मीटर है, तथा यह मूर्ति पूरी तरह से कांसे से बनी हुई है. इसका वजन 700 टन है. यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो 74 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है. इस पर्यटन स्थल के भीतर हीं कई बौद्ध स्थल हैं. 2. ग्रेट बुद्धा ऑफ़ थाईलैंड, थाईलैंड, ऊँचाई – 92 मीटर थाईलैंड का ग्रेट बुद्धा देश की सबसे ऊंची प्रतिमा है, इस मूर्ति की ऊंचाई 92 मीटर है. इस प्रतिमा का निर्माण सन 1990 में शुरू हुआ था जो 2008 में पूरा हुआ. यह पूरी मूर्ति सीमेंट से बनी है और इसे गोल्डन पेंट से कवर किया गया है. इस विशाल बुद्ध प्रतिमा का निर्माण थेरवाद बौद्ध धर्म के सिद्धांतों के अनुसार किया गया था. 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अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं हेतु व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण को मंज़ूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिये व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण उपलब्ध कराने की योजना को मंज़ूरी दे दी है। अपतटीय पवन ऊर्जा से तात्पर्य जल निकायों, आमतौर पर समुद्र में स्थापित पवन टर्बाइनों के माध्यम से विद्युत उत्पादन से है। व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण से तात्पर्य उन परियोजनाओं के लिये वित्तीय सहायता से है, जो आर्थिक रूप से उचित हो सकती हैं, लेकिन वित्तीय व्यवहार्यता से कम हैं। इस योजना से गुजरात और तमिलनाडु के तट पर 500-500 मेगावाट सहित कुल एक गीगावाट क्षमता की स्थापना में सहायता मिलेगी। इन दोनों परियोजनाओं से प्रतिवर्ष 3.7 बिलियन यूनिट विद्युत उत्पन्न होने का अनुमान है।

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भौतिक भूगोल : महत्त्वपूर्ण शब्दावली और तथ्य – Geography Glossary

उपसौर और अपसौर पृथ्वी की परिक्रमा की दिशा पश्चिम से पूर्व है, जिस कक्षा में सूर्य पृथ्वी की परिक्रमा करती है, वह दीर्घवृत्तीय है. अतः 3 जनवरी को सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी न्यूनतम (9.15 करोड़ मील) हो जाती है, जिसे उपसोर (Perihelion) कहते हैं. इसके विपरीत 4 जुलाई को पृथ्वी की सूर्य से अधिकतम दूरी (9.15 करोड़ मील) होती है, जिसे अपसोर स्थिति (Aphelin) कहते हैं. एपसाइड रेखा अपसौरिक एवं उपसौरिक को मिलाने वाली काल्पनिक रेखा जो सूर्य के केंद्र से होकर गुजरती है, उसे एपसाइड रेखा कहते हैं. प्रकाश चक्र (Circle of Illumination) वैसी काल्पनिक रेखा जो पृथ्वी को प्रकाशित और अप्रकाशित भागों में बाँटती है, प्रकाश चक्र कहलाती है. विषुव (Equinox) जब सूर्य विषुवत् रेखा पर लम्बवत चमकता है तो दोनों गोलार्धों पर दिन और रात बराबर होता है, जिसे विषुव कहा जाता है. 21 मार्च (वसंत ऋतु) और 23 सितम्बर (शरद ऋतु) को दिन और रात बराबर अवधि के होते हैं. नक्षत्र दिवस (Sidereal time) पृथ्वी के 360 डिग्री घूर्णन में लगा समय, जब एक विशेष तारे के समय में पृथ्वी पुनः अपनी स्थिति में वापस आ जाती है, नक्षत्र दिवस कहलाती है. सौर दिवस (Solar Day) जब सूर्य को गतिशील मानकर पृथ्वी द्वारा उसके परिक्रमण की गणना दिवसों के रूप में की जाती हैं, तब सौर दिवस ज्ञात होता है. इसकी अवधि पूर्णतः 24 घंटे होती है. लीप वर्ष (Leap Year) प्रत्येक सौर वर्ष कैलंडर वर्ष से लगभग 6 घंटे बढ़ जाता है, इसे हर चौथे वर्ष में लीप वर्ष बनाकर समायोजित किया जाता है. लीपवर्ष 366 दिन का होता है, जिसमें फरवरी माह में 28 के स्थान पर 29 दिन होते हैं. अक्षांश विषुवत् रेखा के उत्तर या दक्षिण किसी भी स्थान की विषुवत रेखा से कोणीय दूरी को उस ठान का अक्षांश कहते हैं तथा सामान अक्षांशों को मिलने वाली काल्पनिक रेखा को अक्षांश रेखा कहते हैं. अक्षांश रेखाएँ विषुवत रेखा के (0° अक्षांश रेखा) के समानांतर होती हैं. 0-90° उत्तर और दक्षिण तक होती है. 1° अक्षांश के बीच की दूरी लगभग 111 कि.मी. होती है. पृथ्वी के गोलाभ आकृति के कारण यह दूरी विषुवत रेखा से ध्रुवों की ओरअधिक होती जाती है. पृथ्वी के सतह पर किसी भी बिंदु की स्थिति अक्षांश रेखाओं द्वारा निर्धारित की जाती है. उत्तरी अक्षांश को कर्क रेखा और दक्षिण अक्षांश को मकर रेखा कहते हैं. उत्तरी अक्षांश को कर्क वृत्त (Arctic circle) और दक्षिणी अक्षांश को मकर वृत्त (Antarctic circle) कहते हैं. कर्क संक्रांति एवं मकर संक्रांति सूर्य के उत्तरायण और दक्षिणायन की सीमा को संक्रांति कहा जाता है. 21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर लम्बवत होता है, इसे कर्क संक्रांति कहते हैं. इसी दिन उत्तर गोलार्ध पर सबसे बड़ा दिन होता है. देशांतर (Longitude) ग्लोब पर किसी भी स्थान की प्रधान यामोत्तर (0°देशांतर या ग्रीनवीच के पूर्व या पश्चिम) से कोणीय दूरी को उस स्थान को देशांतर कहा जाता है. सामान देशांतर को मिलने वाली काल्पनिक रेखा जो कि ध्रुवों से होकर गुजरती हैं, देशांतर रेखा कहलाती है. यह पूर्व से पश्चिम दिशा में 180° तक होती है. इस प्रकार देशांतर रेखाओं की कुल संख्या 360 है. विषुवतीय रेखा पर दो देशांतर रेखाओं के बीच की दूरी 111.32 कि.मी. होती है, जो ध्रुवोंकी ओर घटकर शून्य हो जाती है. समय का निर्धारण देशांतर रेखाओं से ही होता है, जानिये कैसे??? >>> अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) इंगलैंड के निकट शून्य देशांतर पर स्थित ग्रीनविच नामक स्थान से गुजरने वाली काल्पनिक रेखा प्राइम मेरिडीयन या शून्य देशांतर के समय को सभी देश मानक समय मानते हैं. यह ग्रेट ब्रिटेन का मानक समय है, इसी को ग्रीनविच मीन टाइम कहते हैं. प्रमाणिक समय और स्थानीय समय पृथ्वी पर किसी स्थान विशेष का सूर्य की स्थिति से निकाला गया समय स्थानीय समय कहलाता है. दूसरी ओर किसी देश के मध्य से गुजरने वाली देशांतर रेखा के अनुसार लिया गया समय उस देश का प्रमाणिक समय कहलाता है. संघनन (Condensation) जल के गैसीय अवस्था से तरल या ठोस अवस्था में परिवर्तित होने की प्रक्रिया संघनन कही जाती है. यदि हवा का तापमान ओसांक बिंदु से नीचे पहुँच जाए तो संघनन की प्रक्रिया में वायु के आयतन, तापमान, वायुदाब और आद्रता का प्रभाव पड़ता है. ओस (Dew) हवा का जलवाष्प जब संघनित होकर छोटी-छोटी बूंदों के रूप में धरातल पर पड़ी वस्तुओं (घास, पत्तियों आदि) पर जमा हो जाता है, तो उसे ओस कहते हैं. तुषार या पाला (Frost) जब संघनन की क्रिया हिमांक से नीचे होती है, तो जलवाष्प जलकणों के बदले हिम कणों में परिवर्तित हो जाता है, इसे ही तुषार या पाला कहते हैं. कुहरा कुहरा एक प्रकार का बादल है, जब जलवाष्प का संघनन धरातल के बिल्कुल करीब होता है तो कुहरे का निर्माण होता है. कुहरे में कुहासे की तुलना में जल के कण अधिक छोटी और संघन होती है. कुहासा (Mist) कुहासा भी एक प्रकार का कुहरा होता है, जिसमें कुहरे की अपेक्षा दृश्यता दूर तक रहती है. इसमें दृश्यता 1 कि.मी. से अधिक पर 2 कि.मी. से कम होती है. धुंध (Smog) बड़े शहरों में फैक्टरियों के निकट जब कुहरे में धुएँ के कण मिल जाते हैं तो उसे धुंध कहते हैं. धुंध कुहरे की तुलना में और सघन होता है. इसमें दृश्यता और भी कम होती है. निरपेक्ष आद्रता (Absolute Humidity) हवा में प्रति इकाई आयतन में विद्यमान जलवाष्प की मात्रा को निरपेक्ष आद्रता कहते हैं. इसमें ग्राम प्रति घन मीटर में व्यक्त किया जाता है. विशिष्ट आद्रता (Specific Humidity) आद्रता को व्यक्त करने का यह आणविक उपयोगी तरीका है. हवा के प्रति इकाई भार में जलवाष्प के भार को विशिष्ट आद्रता कहते हैं. इसे ग्राम प्रति किलोग्राम में व्यक्ति किया जाता है. सापेक्षिक आर्द्रता (Relative Humidity) किसी निश्चित तापमान पर वायु में विद्यमान जलवाष्प की मात्रा और उस वायु के जलवाष्प धारण करने की क्षमता के अनुपात को सापेक्षिक आद्रता कहते हैं. इसे प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है. आर्द्रता क्षमता (Humidity Capacity) किसी निश्चित तापमान पर हवा के एक निश्चित आयतन में अधिकतम नमी या आर्द्रता धारण करने की क्षमता को उसकी आर्द्रता क्षमता कहते हैं. संतृप्त वायु (Saturated Air) जब हवा किसी भी तापमान पर अपनी आर्द्रता सामर्थ्य के बारबार आर्द्रता ग्रहण कर

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