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हर वर्ष 31 अगस्त को मनाया जाएगा विमुक्त, घुमंतूएवंअर्द्धघुमंतूजनजाति दिवस

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31 अगस्त, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर विमुक्त, घुमंतू एवं अर्द्धघुमंतू जनजातियों के 72वें मुक्ति दिवस
राज्यस्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए हर वर्ष 31 अगस्त को विमुक्त, घुमंतू एवं अर्द्धघुमंतू जनजाति दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा
की।
प्रमुख बिंदु
z मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि विमुक्त, घुमंतू एवं अर्द्धघुमंतू जनजाति समुदाय के उत्थान के लिये राज्य सरकार द्वारा निरंतर कदम
उठाए जा रहे हैं। विमुक्त, घुमंतू एवं अर्द्धघुमंतू जनजातियों (डीएनटी) के विकास के लिये 50 करोड़ रुपए के कोष की स्थापना की गई है।
z डीएनटी समाज की पारंपरिक कलाओं एवं उद्यम हेतु 5 करोड़ रुपए की राशि से डीएनटी रिसर्च एवं प्रिजर्वेशन सेंटर बनाया जा रहा है। साथ
ही, समाज के लोगों को ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाने एवं कलाकारों को रोज़गार तथा आर्थिक प्रोत्साहन देने का कार्य भी किया जा रहा
है।
z मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि समाज के विद्यार्थियों को आवास व शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिये योजना लाई गई है। विमुक्त, घुमंतू
एवं अर्द्धघुमंतू समुदाय के उत्थान के लिये शीघ्र ही डीएनटी पॉलिसी लाई जाएगी।
z मुख्यमंत्री ने कहा कि विमुक्त, घुमंतू एवं अर्द्धघुमंतू जनजाति समुदाय (डीएनटी) ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। इसी वजह
से अंग्रेज़ों ने क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट-1871 जैसा अत्याचारी कानून बनाकर इस समुदाय को प्रताड़ित किया। आज़ादी के बाद प्रथम प्रधानमंत्री
पं. जवाहरलाल नेहरू ने 1952 में इस दमनकारी कानून को निरस्त कर विमुक्त, घुमंतू एवं अर्द्धघुमंतू जनजातियों पर हो रहे अन्याय को समाप्त
किया।
नोट :
5 राजस्थान: करेंट अफेयर्स(संग्रह), सितम्बर, 2023 www.drishtiias.com/hindi
z पंडित नेहरू ने ही 1955 में गाड़िया लोहार समुदाय को चित्तौड़गढ़ किले में प्रवेश दिलाया। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी द्वारा लिये गए
निर्णयों से डीएनटी समाज सहित सभी वंचित वर्गों को पंचायतीराज संस्थाओं में राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिला।
z राज्य विमुक्त, घुमंतू, अर्द्धघुमंतू बोर्ड की अध्यक्ष उर्मिला योगी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा डीएनटी समुदाय के लिये गाँवों में 150 वर्गगज
एवं शहरों में 50 वर्गगज तक के पट्टों का नि:शुल्क आवंटन किया गया है।  

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