

भरतपुर. देश-दुनिया में सरसोंउत्पादन और तेल को लेकर भरतपुरकी धाक है, लेकिन सरकारी नीतियोंके चलते तेल उद्योग ‘वेंटीलेटर’ परपहुंच गया है। इसका सीधा असरखेतों से मंडियों तक दिख रहा है।पॉम ऑयल पर ड्यूटी फ्री होने से यहसरसों के तेल से करीब 25 रुपएसस्ता बिक रहा है। इससे सरसों तेलउद्योग पर संकट के बादल मंडरानेलगे हैं।भरतपुर की एक तेल मिल में बंद पड़ी सरसों की पेराई।भरतपुर में करीब 125 तेल मिल हैं।इनमें से करीब 80 प्रतिशत बंद हो मंडी में भी नहीं आ रहे सरसों के खरीदारगई हैं। इसके चलते 10 हजारश्रमिकों में से करीब 7 हजारबेरोजगार हो गए हैं और दूसरे राज्योंमें पलायन करने लगे हैं। लोग सस्तेके चलते पॉम ऑयल खरीद रहे हैं।भरतपुर के सरसों व्यापारी भूपेन्द्रगोयल का कहना है कि अगर ऐसाही चलता रहा, तो भविष्य में तेलउद्योग राजस्थान से खत्म होतेल कारोबारी कहते हैं कि सरसों केभाव अच्छे होने से सरसों की बुवाईका रकबा बढ़ा था, लेकिन अब भावमहज 5300 रुपए प्रति क्विंटल हैं,जबकि समर्थन मूल्य 5650 रुपए है।ऐसे में मंडी में सरसों नहीं आ रहा है।जाएगा। पाम ऑयल की कीमतबाजार में करीब 80 रुपए है,किसान दाम बढ़ने का इंतजार कर रहेहैं। भरतपुर मंडी में पहले 40 से 50हजार कट्टे प्रतिदिन आते थे, जो अबदो से तीन हजार कट्टे रह गए हैं। जिलेकी तेल मिलों को करीब एक लाखकट्टों की प्रतिदिन जरूरत होती है।125 सरसों तेलमिल हैं भरतपुर में82 तेल मिल होचुकी हैं बंद102-105 रुपएप्रति किलो है भाव7000 मजदूरों काहुआ पलायन10000 मजदूरकरते थे मिलों में काममुश्किल में किसानऔर कारोबारीकेंद्र सरकार ने पॉम, सोयाबीनकर रखा है, जो 30 से 35 प्रतिशतहोती थी। इसका सीधा असरराजस्थान के तेल कारोबार पर पड़रहा है। पूरे राज्य में करीब 80प्रतिशत से ज्यादा तेल मिलें बंद होगई हैं। इससे किसान, कारोबारियोंऔर तेल उद्योग से जुड़े श्रमिकों कोरोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।मनोज अग्रवाल, तेल व्यापारी, भरतपुरराजस्थान में देश का सर्वाधिक उत्पादनदेश में पैदा होने वाली कुल सरसोंमें राजस्थान अकेले 46.7 प्रतिशतमें 15 प्रतिशत, हरियाणा में 10.08का उत्पादन करता है। मध्यप्रदेशप्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 9.5प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 6.4जबकि सरसों तेल के भाव 102 से प्रतिशत सरसों पैदा होता है। देश105 रुपए प्रति किलो तक हैं।के अन्य राज्य 12 प्रतिशत सरसोंका उत्पादन करते हैं। राजस्थानमें सरसों अलवर, भरतपुर, जयपुर,धौलपुर, सवाई माधोपुर,श्रीगंगानगर, झुंझुनूं और सीकर मेंखूब पैदा होता है। अकेला भरतपुरसंभाग ही राज्य के कुल सरसोंउत्पादन का करीब 48 प्रतिशतअकेले ही पैदा करता है।