समान पात्रता परीक्षा (सीईटी) के प्रावधानों में बदलाव की तैयारी है। सरकार न्यूनतम अंक प्राप्त करने और वेलिडिटी बढ़ाने का दायरा लागू कर सकती है। चयन बोर्ड ने भी स्पष्ट कर दिया है कि सीईटी के प्रारूप में बदलाव किया जा रहा है। नया प्रारूप फाइनल होने के बाद ही सीईटी की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। पिछले दिनों कनिष्ठ लेखाकार और तहसील राजस्व लेखाकार भर्ती
में सीईटी के अंकों के आधार पर 15 गुणा अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा के लिए पात्र घोषित हुए थे। सामान्य वर्ग के 3-4% का ही चयन हुआ। यह विवाद सीएम तक पहुंचा था। यह बदलाव प्रस्तावित…सीईटी में 40 या 50% अंक प्राप्त करने वाले मुख्य परीक्षा के लिए पात्र होंगे। • आरक्षित वर्ग को कुछ अंकों की छूट होगी। इसकी वैधता भी 2 या 4 साल की जाए।