देश का पहला संविधान स्तंभ राजस्थानयूनिवर्सिटी में बन रहा है। इस 75 फीटऊंचे स्तंभ में आजादी के अविस्मरणीयपल स्कल्पचर के जरिए देखने कोमिलेंगे। वहीं, 1946 से 1950 तक कीसंविधान के बनने की कहानी जाननेको मिलेगी। संविधान की मूल प्रति मेंजिस शैली में चित्रों के माध्यम सेहमारे अधिकारों, कर्तव्यों और मूलसिद्धातों को समझाया गया है,वैसे ही बह वो चित्र इस स्तंभमें मार्बल पर उकेरे गए हैं। स्तंभके फ्रंट, राइट, लेफ्ट में उकेरेगए चित्र और मूर्तियों से हमें पूरेसंविधान के बारे में जानकारीमिल सकेगी। साथ ही इसमेंभारतीय गणतंत्र की भावना भीदेखने को मिलेगी। आर्किटेक्टडॉ. अनूप बरतरिया ने बतायाकि यह देश का पहला स्तंभ है,जिसमें लोगों को पूरा संविधानसमझने का अवसर मिलेगा।येता, द्वापर और आज का युग भी दर्शाया स्तंभ के लेफ्ट राइटमहात्मा गांधी की प्रतिमाडॉ. बीआर अम्बेडकर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद कोसंविधान का ड्राफ्ट सौंपते हुएसंविधान की प्रस्तावना(अंग्रेजी में)फ्रंट व्यूइसमें न सिर्फ संविधानको उकेरा गया है, बल्किआजादी के प्रणेता महात्माप्रथम भाग को मोहनजोदड़ो के बुल मेंरेखांकित किया गया हैगणतंत्रगांधी के बलिदान औरसंघर्ष को दांडी यात्रा सेप्रदर्शित किया गया है।आजादी के उनपलों को गन मैटलमें ढाला गया है।इसका डिजाइनराजभवन में बनेसंविधान पार्कसे बिल्कुल अलगहै। इसकी खासियतहै कि भारतीय गणको तीन प्रतिमाओंमें दिखाया गया है,जिन्होंने हमारे संविधानको आदरपूर्वक उठारखा है। इसमें संविधानसिटीजनशिपमें एक वैदिक गाय कोप्रदर्शित किया गया हैमौलिक अधिकार की भावनाको प्रदर्शित करने के लिएपुष्पक विमान में भगवान रामका चित्र दर्शाया गया हैकी सील, प्रस्तावना से लेकर 22आर्टिकल्स तक दिखाए गए हैं।संविधान की किताब (मुख्य पृष्ठ)पं. जवाहर लाल नेहरूभारत के झंडे काप्रदर्शन करते हुएसंविधान की प्रस्तावना(हिन्दी में)व्यू में यह भी दिखेगा.पं. जवाहर लाल नेहरू और डॉ. राजेंद्रप्रसाद संविधान पर हस्ताक्षर करते हुए।संविधान की किताबसरदार पटेल और सभा के सदस्यसंविधान पर हस्ताक्षर करते हुए।संविधान सभा के उद्घाटन सत्रको संबोधित करते हुए पं. जवाहरलाल नेहरू |संविधान सभा की सीलसंविधान बनने की समय सारणी ।• मूल अधिकार स्तंभ.संविधान सभा का मॉडलासविधान सभा बनाने वाली ड्राफ्टिंगकमेटी के सदस्य।मूल कर्तव्य स्तंभाइमरजेंसी के दौरान हिन्दू-मुस्लिम एकताबनाते हुए महात्मा गांधीपंचायतराज को विक्रमादित्य केराज्यसभा के चित्रण द्वारा उकेरा गया है।सम्राट अशोक के साम्राज्य काप्रशासनिक दृश्य चित्रित किया हैवाटर बॉडी परछाईराज्यों की बात करते हुए भगवानमहावीर की जिंदगी दिखाई हैंमौलिक कर्तव्य की भावनाबताने के लिए भगवान कृष्ण अर्जुनको गीता का ज्ञान दें रहे हैंभगवान बुद्धको ध्यान लगाते हुएदर्शाया गया है• 100 फीट लंबी वाटर बॉडी मेंदिखेगी स्तंभ की परछाई।• दो पौंड में लगेंगे 15 से 40फीट तक के फव्वारे• दो-दो फीट की 21 मूर्तियांलगाई गई हैं। इनमें महात्मागांधी, पंडित जवाहर लालनेहरू, सुभाष चंद्र बोस, राजेंद्रप्रसाद शामिल हैं। अशोकस्तंभ पीतल और मूर्तियां कांसेसे बनी हुई हैं। ये मूर्तियायूनिवर्सिटी के फाइन आर्टडिपार्टमेंट के प्रो. थॉमस जॉनकूवर ने बनाई हैं।• संविधान स्तंभ तीन खंभोंपर स्थित है, जिसमें पहलामूल अधिकार, दूसरा मूलकर्तव्य और तीसरा मूलसिद्धांत पर आधारित है। हमारेराष्ट्रीय चिन्ह जैसे भारतीय झंडेऔर अशोक स्तंभ दिखाए हैं।