

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि वर्ष 2015 में सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्यों द्वारा सहमत 17 सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals- SDG) को वर्ष 2030 तक प्राप्त करना है, तो इसके लिये अधिक निवेश की आवश्यकता है।
- यह स्थिति उभरते देशों के गंभीर ऋण भार और अत्यधिक उधार लेने की लागत का परिणाम है, जो उन्हें कई संकटों पर प्रतिक्रिया करने से रोकती है जिनका वे वर्तमान में सामना कर रहे हैं।
सतत् विकास रिपोर्ट 2024 के लिये संयुक्त राष्ट्र वित्तपोषण की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- मुख्य मुद्दे:
- बुनियादी सेवाओं का अभाव: बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, जलवायु आपदाएँ और वैश्विक जीवन-यापन संकट ने विश्वस्तर पर असंख्य लोगों को प्रभावित किया है, जिसने स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा एवं अन्य विकास लक्ष्यों पर प्रगति में अवरोध उत्पन्न किया है।
- ऋण सेवाओं में वृद्धि: अल्प विकसित देशों (Least developed countries- LDC) में ऋण सेवाएँ वित्त वर्ष 2022 में 26 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वर्ष 2023 और 2025 के बीच प्रतिवर्ष 40 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक हो जाएँगी।
- अल्प विकसित देशों में आधे से अधिक ऋण वृद्धि का कारण मौजूदा जलवायु संकट के कारण घटित प्रबल और बार-बार होने वाली आपदाओं को माना जा सकता है।
- ब्याज भुगतान का अधिक भार: सबसे गरीब देश अब अपने राजस्व का 12% ब्याज भुगतान पर खर्च करते हैं, जो एक दशक पहले की तुलना में 4 गुना अधिक है।
- वैश्विक आबादी का लगभग 40% उन देशों में निवास करता है जहाँ सरकारें शिक्षा या स्वास्थ्य की तुलना में ब्याज भुगतान पर अधिक खर्च करती हैं।
- अल्प विकास वित्तपोषण: अल्प विकसित देशों में विकास वित्तपोषण की गति धीमी हो रही है।
- कई कारणों से जैसे कर चोरी और परिहार, कम घरेलू राजस्व वृद्धि, निगम कर की गिरती दर वैश्वीकरण एवं कर प्रतिस्पर्धा आदि के कारण जो वर्ष 2000 में 28.2% थी तथा 2023 में 21.1% हो गईI
- साथ ही OECD देशों द्वारा आधिकारिक विकास सहायता (Official Development Assistance– ODA) तथा जलवायु वित्त प्रतिबद्धताएँ भी पूर्ण नहीं हो रही हैं।
- सतत् विकास रिपोर्ट हेतु वित्तपोषण के अनुसार: क्रॉसरोड्स रिपोर्ट, 2024 में विकास के लिये वित्तपोषण, विकास वित्तपोषण अंतर को कम करने हेतु लगभग 4.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की आवश्यकता है।
- कोविड-19 महामारी शुरू होने से पूर्व यह संख्या 2.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर थी।
- सुझाव:
- अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली, जिसकी स्थापना वर्ष 1944 के ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में की गई थी, जो अब उद्देश्य हेतु उपयुक्त नहीं है।
- “वित्तपोषण में अत्यधिक वृद्धि” और “अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय वास्तुकला में सुधार” वर्ष 2030 तक SDG लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता कर सकता है।
- एक नई सुसंगत प्रणाली स्थापित की जानी चाहिये जो संकटों से निपटने के लिये बेहतर ढंग से सुसज्जित हो।
- SDG को प्राप्त करने के लिये वैश्विक सहयोग, लक्षित वित्तपोषण और महत्त्वपूर्ण रूप से राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है।
- अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली, जिसकी स्थापना वर्ष 1944 के ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में की गई थी, जो अब उद्देश्य हेतु उपयुक्त नहीं है।