शेल बारीक कण वाली तलछटी चट्टाने हैं जो पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के समृद्ध स्रोत होती हैं.
शेल गैस वह प्राकृतिक गैस (natural gas) है जो शेल चट्टानों के बीच फंसी होती है.
सामान्य प्राकृतिक गैस और शेल गैस के निर्माण में अंतर
पृथ्वी के अन्दर जमा सामान्य प्राकृतिक गैस (conventional natural gas) धीरे-धीरे पृथ्वी की सतह की ओर बढ़ती है. पृथ्वी की सतह के निकट आ जाने पर इसका भण्डारण किया जाता है.
यह गैस धरती की छिद्रमय चट्टानों से होते हुए ऊपर आती हैं और ऊपर बढ़ने पर बिना छिद्र वाली चट्टानें उनका रास्ता रोक देती हैं. इस प्रकार यह गैस एक विशेष स्थान पर फंस कर रह जाती है.
इसके विपरीत, शेल गैस (shale gas) जैविक तत्त्वों से भरपूर चट्टानों के अन्दर बनती है.
उत्पादन की विधि
शेल गैस निकालने के लिए शेल चट्टानों तक क्षैतिज खनन (horizontal drilling) से पहुँचा जाता है अथवा हाइड्रोलिक विघटन (Hydraulic fracturing) से उनको तोड़ा जाता है.
हाइड्रोलिक विघटन के लिए सम्बंधित चट्टानों के भीतर छेद करके लाखों टन पानी, चट्टानों के छोटे-छोटे टुकड़े (proppant) और रसायन (chemical additives) अन्दर डाला जाता है.
कुछ शेल चट्टानों (shale rocks) में छेद कम होते हैं और उनमें डाले हुए द्रव सरलता से बाहर नहीं आ पाते हैं. ऐसी स्थिति में उनके भण्डार (reservoir) कुएँ जैसे न होकर चारों ओर फैले हुए होते हैं. ऐसी चट्टानों से गैस निकालने के लिए क्षैतिज खनन (horizontal drilling) का सहारा लिया जाता है.
Refining
शेल तैल को ईंधन के रूप में उपयोग में लाया जाता है. साथ-ही इसको इसमें हाइड्रोजन मिला कर और सल्फर और नाइट्रोजन हटाकर शोधित (refine) किया जाता है.
शेल तैल और पारम्परिक क्रूड तैल (crude oil) में पाई जाने वाली अशुद्धियाँ अलग-अलग प्रकार की होती हैं.
शेल गैस को साफ़ करने के लिए catalytic प्रणाली अपनाई जाती है.