चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत ने 5 सितंबर, 2024 को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1888-1975) की जयंती के अवसर पर शिक्षक दिवस मनाया।
- इस दिन भारत के राष्ट्रपति शिक्षकों को सम्मानित करने, समाज को सशक्त बनाने और शिक्षित करने में उनके योगदान को मान्यता देने के लिये राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (NTA) प्रदान करते हैं।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- जन्म: उनका जन्म 5 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुत्तनी में एक तेलुगु परिवार में हुआ था।
- शैक्षणिक उपलब्धियाँ: उन्होंने कई प्रतिष्ठित पदों पर कार्य किया। वे वर्ष 1921 से 1932 तक कलकत्ता विश्वविद्यालय में किंग जॉर्ज पंचम चेयर, वर्ष 1931 से 1936 तक आंध्र विश्वविद्यालय के द्वितीय कुलपति और 1939 से 1948 तक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के चौथे कुलपति रहे।
- इसके अतिरिक्त वर्ष 1936 से 1952 तक वह ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पूर्वी धर्म और नीतिशास्त्र के प्रोफेसर थे।
- राजनीतिक करियर: वे भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति (वर्ष 1952-62) और बाद में भारत के द्वितीय राष्ट्रपति (वर्ष 1962-67) बने।
- दार्शनिक: दार्शनिक क्षेत्र में व्यापक रूप से उन्हें भारत और पश्चिम के बीच एक ‘सेतु-निर्माता’ के रूप में जाना जाता है।
- उन्होंने हिंदू धर्म का बचाव उस “अज्ञानी पश्चिमी आलोचना” के विरुद्ध किया, जिससे वैश्विक स्तर पर धर्म की अधिक सूक्ष्म समझ स्थापित करने में मदद मिली।
- सम्मान: वर्ष 1954 में उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
- वर्ष 1931 में उनकी उल्लेखनीय शिक्षा के लिये उन्हें ब्रिटेन के पूर्व राजा किंग जॉर्ज पंचम द्वारा नाइटहुड की उपाधि से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार क्या है?
- NTA के बारे में: राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (National Teachers’ Award- NTA) स्थापना शिक्षकों के अद्वितीय योगदान का उत्सव मनाने और उन्हें सम्मानित करने के लिये की गई थी, जिन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है और छात्रों के जीवन को समृद्ध बनाया है।
- इसमें प्रमाण-पत्र, 50,000 रुपए का नकद पुरस्कार और एक रजत पदक दिया जाता है।
- यह शिक्षा मंत्रालय द्वारा दिया जाता है। वर्ष 2024 में 82 शिक्षकों का चयन NTA के लिये किया गया था।
- NTA के लिये शिक्षकों की पात्रता: मान्यता प्राप्त प्राथमिक/मध्य/उच्च/उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत स्कूल शिक्षक और स्कूल प्रमुख चयन हेतु पात्र हैं। उदाहरणतः राज्य सरकार/संघ शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा संचालित स्कूल, CBSE से संबद्ध स्कूल आदि।
- केवल न्यूनतम दस वर्ष की सेवा वाले नियमित शिक्षक और स्कूल प्रमुख ही पात्र हैं।
- NTA के लिये अयोग्यता: शिक्षक/प्रधानाध्यापक को निजी ट्यूशन उपलब्ध कराने में शामिल नहीं होना चाहिये।
- संविदा शिक्षक और शिक्षा मित्र पात्र नहीं हैं।
- शैक्षिक प्रशासक, शिक्षा निरीक्षक और प्रशिक्षण संस्थानों के कर्मचारी इन पुरस्कारों के लिये पात्र नहीं हैं।
- मूल्यांकन मानदंड: शिक्षकों का मूल्यांकन, मूल्यांकन मैट्रिक्स के आधार पर किया जाता है, जिसमें मूल्यांकन के लिये दो प्रकार के मानदंड होते हैं।
- वस्तुनिष्ठ मानदंड: इसके अंतर्गत शिक्षकों को प्रत्येक वस्तुनिष्ठ मानदंड के लिये अंक दिये जाते हैं। इसे 100 में से 10 अंक दिये जाते हैं।
- प्रदर्शन के आधार पर मानदंड: इसके अंतर्गत शिक्षकों को प्रदर्शन के आधार पर अंक दिये जाते हैं, जैसे अधिगम के परिणामों को बेहतर बनाने के लिये पहल, किये गए नए प्रयोग आदि। इन मानदंडों को 100 में से 90 अंक दिये जाते हैं।