शरीर की सेहत इन छोटी-छोटी आदतों को अपनी हेल्थ का फॉर्मूला बनाएं…:सुबह दिमाग ज्यादा सक्रिय, जागने के 1 घंटे बादउठाएं मोबाइल ; ऐसी 10 आदतों से बनेगी सेहतडॉ. अनिल लाल• एचओडी मेडिसिन, बैंकटेश्वरहॉस्पिटल, नई दिल्लीसेहतमंद रहना एक आदत है। रोजमर्राकी हमारी आदतों से हमारी सेहत बनतीऔर बिगड़ती है । आज पढ़िए उन आदतोंके बारे में जिन्हें अपनाने से जिंदगीसेहतमंद और खुशहाल हो जाएगी।1.सुबह उठने के एक घंटे बाद हीअपना मोबाइल फोन उठाइए80% स्मार्टफोनयूजर्स रोज सुबहजागने के 15 मिनटके भीतर ही मोवाइलफोन चेक करते हैं।आईडीसी रिसर्च केअनुसार ऐसा करते हीनए मैसेज, ईमेल और काम आने लगते हैं। इससे तनावऔर चिंता होती है। सुबह रचनात्मक मस्तिष्क सबसेअधिक सक्रिय होता है, इसलिए इस समय वो कामकीजिए जो आपके लिए सबसे अहम हो। सुबह उठने केकम से कम एक घंटे बाद ही फोन उठाइए।2. उठते ही दो गिलास पानी पीना•व 45 मिनट बाद नाश्ता जरूरी 4मायो क्लीनिक की रिपोर्ट के अनुसार पुरुषों को रोज 3.7लीटर और महिलाओं को 2.7 लीटर पानी पीना चाहिए।हालांकि पानी की जरूरत मौसम, परिश्रम और बीमारी परनिर्भर है। पिनेकल केअर इंटरनल मेडिसिन के अनुसारसुबह उठते ही 650 एमएल (लगभग दो गिलास) पानीपीना अच्छा है। इसके 45 मिनट बाद नाश्ता करना चाहिए।जापान की सेहतमंद परंपरा- कमरे में एक पौधा जरूर लगाएं 7.कमरे में पौधा लगाएं, नर्वस सिस्टम और ब्लड प्रेशर संतुलित रहेगा…..जापान में फूलों को सजाने के खास तरीके को इकेबाना कहते हैं। इकेबाना वहां संस्कृति का हिस्सा है। बचपन सेही इकेबाना सीखने की परंपरा है। इसके सामूहिक इवेंट भी होते हैं। स्कूलों में और आर्ट क्लासेज में भी इकेबानासिखाया जाता है। 2015 के अध्ययन के अनुसार खास बात यह है कि जब हम कमरे में पौधे या फूलों कोनियमित रूप से सजाकर रखते हैं तो नवंस सिस्टम और ब्लड प्रेशर स्वस्थ बनता है। मानसिक शांति आती है।4.दस मिनट प्राणायाम दिनभर केलिए ब्रीदिंग पैटर्न सेट करता है 5 दिन में 20 मिनट की नैप, रातरोज सुबह श्वास परनियंत्रण के लिए 5 से 10मिनट प्राणायाम कर सकतेहैं। क्लिनिकल मेडिसिनस्टडी के अनुसार सहीतरीके से श्वास लेने सेशरीर और मांसपेशियां3. दोपहर का भोजन 12.45 बजे से बहुत अच्छे से काम करती है। हार्ट रेट औरपहले हो, डाइजेशन सुधरता हैनाश्ता करने का अच्छा समय जागने के दो घंटे के भीतरहै। जिम से आधे घंटे पहले हल्का नाश्ता कर सकते हैं।नाश्ता सुबह 7 बजे से 8 बजे के बीच कर लेना चाहिए।दोपहर के भोजन का आदर्श समय 12.45 बजे और रातके खाने का समय शाम 7 बजे है। रात के खाने और सुबहके नाश्ते के बीच 10 से 12 घंटे का अंतर होना चाहिए।संतुलित जाती है। ब्लड नियंत्रित होतामांसपेशियों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की पहुंचसुधर जाती है। लंग्स की कार्यक्षमता ठीक होने लगती है।5-10मिनट रोज हल्की गति सेदौड़ने से भी हर तरह कीबीमारी का जोखिम घटता है।में 7 से 8 घंटे की नींद जरूरीदोपहर में 20-25 मिनट की नैप ले सकते हैं। इससेज्यादा की नैप बाकी दिन के लिए सुस्त कर सकती है। रातकी नींद को भी प्रभावित करती है। हेल्थलाइन की रिपोर्ट केअनुसार रात 7 से 8 घंटे सोना चाहिए। सोने का सही समयलोगों के लिए अलग-अलग हो सकता है, लेकिन अच्छीनींद तब आती है, जब रात 10 से 12 बजे के बीच में सोजाएं और सुबह 7 बजे के आसपास उठ जाएं।6.खाना खाने के बाद 10 मिनटटहलने से शुगर होगी मैनेजहेल्थलाइन के अनुसार भोजनके बाद 10 मिनट की वॉक दिनमें किसी और समय की गई 30मिनट की वॉक से बेहतर होतीहै। खाना खाने के कुछ देर बादकी गई वॉक से पेट और आंतों मेंहरकत होती है और इससे पाचन मेंसहायता मिलती है। ये छोटी वॉकअल्सर, सीने में जलन, चिड़चिड़ापन, डाइजेस्टिव रोगऔर कोलोरेक्टल कैंसर को रोकने में भी मदद करती है।खड़े रहने की आदत से साल में8. खड़े रहने की आदत से साल मेंदिन में काम के दौरान घंटों तक बैठे रहने से फैट औरशुगर कंज्यूम करने की क्षमता प्रभावित होती है। इसकासरल उपाय है, जितनी देर संभव हो खड़े रहें। दिन में छहघंटे अगर खड़े रहते हैं तो 54 अतिरिक्त कैलोरी बर्न होगी।हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार यह बहुत कम लगसकता है, लेकिन यह आदत साल भर में करीब ढाई किलोवजन कम कर सकती है और चार साल में 10 किलो।सोने से पहले खाएं नट्स, यह9. नींद बेहतर बनाने में मददगाररात को सोने से पहलेआप 5-6 बादाम यामेवा खा सकते हैं।अखरोट, काजू औरपिस्ता में ट्रिप्टोफैन कीमात्रा उच्च होती है।ट्रिप्टोफैन एक अमीनोएसिड है। यह शरीर में मेलाटोनिन और सेरोटोनिन हार्मोनका स्तर बढ़ाता है। इससे अच्छी और बेहतर नींद में मददमिलती है। ट्रिप्टोफैन पाए जाने के कारण नट्स देर रातको खाने के लिए सबसे अच्छे हैल्दी स्नैक्स में से एक हैं।और मुस्कराइए, ये सबसेबॉडी पॉश्चर को ठीक रखिए, 10. अच्छा न• हर मांसपेशी स्वस्थ बनेगीपॉस्चर को सीधा रखना जरूरी है। गर्दन व हिप्स को सीधमें रखें और कंधों को पीछे खींचकर रखें। छाती बाहर औरकंधे अंदर होने चाहिए। अच्छा पॉश्चर मांसपेशियों कोस्वस्थ रखता है। हड्डियों के जोड़ों पर भी कम दबाव पड़ताहै। पीठ दर्द, रीढ़ की हड्डी की परेशानी को कम करता है।जब हम मुस्कराते हैं तो एंडोर्फिन और सेरोटोनिनजैसे कई फील गुड केमिकल रिलीज होते हैं। इससेतनाव कम होता है और निगेटिविटी से बचने में मददमिलती है। मुस्कराहट एक पेन रिलीफ तो है ही यहशरीर को अधिक परिश्रम के लिए भी तैयार करती है।