चर्चा में क्यों?
राजस्थान ने अकादमिक उत्कृष्टता के लिये स्वामी विवेकानंद छात्रवृत्ति हेतु फंडिंग को कम करने का विकल्प चुना है, जिसे मूल रूप से पूर्ववर्ती सरकार द्वारा अकादमिक उत्कृष्टता के लिये राजीव गांधी छात्रवृत्ति के रूप में स्थापित किया गया था।
मुख्य बिंदु:
- जिन छात्रों की वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपए से अधिक है, उन्हें अब अगले शैक्षणिक सत्र से ट्यूशन फीस का एक हिस्सा जमा करना होगा।
- छात्रवृत्ति में विभिन्न आय समूहों के 500 प्रतिभाशाली छात्रों की पूरी ट्यूशन फीस शामिल थी। इसमें विदेशों में पढ़ने वाले छात्रों के लिये 300 छात्रवृत्तियाँ और राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) रैंकिंग में शीर्ष 50 संस्थानों में चुने जाने वालों के लिये 200 छात्रवृत्तियाँ शामिल थीं।
- हालाँकि उच्च शिक्षा विभाग ने सुझाव दिया कि आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि के छात्रों को ट्यूशन फीस का 10% भुगतान करना चाहिये लेकिन वित्त विभाग ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
- इसके अलावा, 8 लाख रुपए से 25 लाख रुपए तक की पारिवारिक आय के साथ उच्च आय वर्ग में आने वाले छात्रों को अब ट्यूशन शुल्क का क्रमशः 15% और 30% भुगतान करना होगा।
राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) रैंकिंग
- परिचय:
- NIRF विभिन्न मापदंडों के आधार पर देश भर के संस्थानों को रैंक करने की एक पद्धति है।
- NIRF को शिक्षा मंत्रालय (पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्रालय) द्वारा अनुमोदित किया गया था और 29 सितंबर, 2015 को लॉन्च किया गया था।
- देश में उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) की रैंकिंग के लिये यह सरकार का प्रथम प्रयास है।
- NIRF रैंकिंग हेतु पैरामीटर्स: प्रत्येक पैरामीटर के लिये वेटेज, संस्थान की श्रेणी के आधार पर भिन्न होता है।
QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग
- QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग प्रत्येक वर्ष क्वाक्वेरेली साइमंड्स (QS) द्वारा जारी की जाती है।
- रैंकिंग पूरे विश्व के विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन और गुणवत्ता का मूल्यांकन करती है।
- कार्यप्रणाली शैक्षणिक प्रतिष्ठा, संकाय-छात्र अनुपात, नियोक्ता प्रतिष्ठा, स्थिरता, रोज़गार परिणाम, अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क, प्रति संकाय उद्धरण, अंतर्राष्ट्रीय संकाय अनुपात और अंतर्राष्ट्रीय छात्र अनुपात जैसे संकेतकों पर विचार करती है।
- ये विषय, क्षेत्र, छात्र शहर, बिजनेस स्कूल और स्थिरता के आधार पर रैंकिंग प्रदान करते हैं।