राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly Elections 2023) की सभी 200 सीटों पर 25 नवंबर को चुनाव होने हैं. नतीजे का ऐलान 3 दिसंबर को किया जाएगा. वोटिंग से पहले राजस्थान के मतदाताओं का मूड भांपने के लिए NDTV ने सीएसडीएस(CSDS)-लोकनीति(LOKNITI) के साथ मिलकर एक ओपिनियन पोल किया है. इस ओपिनियन पोल में देश के सबसे बड़े राज्य का चुनावी माहौल परखने की कोशिश की गई है और सर्वेक्षण के रुझान हैरान करने वाले हैं. सर्वे में शामिल लोगों के एक बड़े हिस्से ने बेरोजगारी (Unemployment) और महंगाई (Price Rise) को सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा माना है.
राजस्थान के 200 विधानसभा क्षेत्रों में 30 में 24 से 30 अक्टूबर के बीच ये सर्वे किया गया. इसका सैम्पल साइज़ 3,032 था. कुल मिलाकर सर्वे के नतीजे बताते हैं कि कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राज्य पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए अभी भी कुछ काम करना है (हालांकि, उनके हाथ में ज्यादा वक्त नहीं है), क्योंकि राजस्थान में हर पांच साल में सत्ता बदलने की परंपरा रही है.
पांच साल में कम हो गईं नौकरियां
मतदाताओं का मानना है कि पांच साल में महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी बढ़ी है. 72 और 54 प्रतिशत लोग सोचते हैं कि महंगाई और भ्रष्टाचार बढ़ गया है. 40 प्रतिशत लोगों का मानना है कि पांच साल में नौकरियां कम हो गई हैं.
गहलोत सरकार में हुआ औद्योगिक क्षेत्र का सुधार?
कांग्रेस के लिए अच्छी खबर यह है कि 30 प्रतिशत मतदाताओं का मानना है कि अशोक गहलोत की सरकार के तहत राजस्थान के औद्योगिक क्षेत्र में सुधार हुआ है. इसका दूसरा पहलू यह है कि 31 प्रतिशत लोगों का मानना है कि औद्योगिक क्षेत्र के विकास में कमी आई है.
सीएम के तौर पर 27 प्रतिशत लोगों की पसंद हैं गहलोत
नया मुख्यमंत्री कौन हो, इस सवाल पर कांग्रेस को बढ़त हासिल है. सर्वे में शामिल 27 प्रतिशत लोगों का कहना है कि अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनना चाहिए. सिर्फ 14 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि बीजेपी की वसुंधरा राजे सत्ता में वापसी करें. 39 प्रतिशत लोग मानते हैं कि गहलोत को ही कांग्रेस में सीएम चेहरा होना चाहिए. 20 फीसदी लोग सचिन पायलट को सीएम फेस देखना चाहते हैं.