Current Affairs For India & Rajasthan | Notes for Govt Job Exams

रशिक्षण से ही संदेह में आ गई थी भर्तीजिन सवालों के बूते मेरिट में आए, उनके जवाब आज भी पता नहींपरीक्षा से पहले पेपर लेकर उप निरीक्षक के साथ कुछ प्लाटून कमांडर

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गैंग में किसकी क्या भूमिकाएडीजी वीके सिंह को थानेदारों की की धरपकड़ के बाद मोबाइल पर मिल रही बधाइयां। जयपुर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित उप निरीक्षक भर्ती प्रतियोगी परीक्षा 2021 में चयन होने के बाद प्रशिक्षण लेने वाले कई अभ्यर्थी इंडोर ट्रेनिंग के दौरान ही संदेह के घेरे में आ गए थे। राजस्थान पुलिस अकादमी और राजस्थान पुलिस मुख्यालय में इस संबंध में लंबे समय से कई पुलिस अधिकारी दबी जुबान से चर्चा करते थे। लेकिन आयोग की तरफ से भर्ती होने पर कोई खुलकर नहीं बोल रहा था। लेकिन एसओजी की कार्रवाई के बाद कई पुलिस वालों के चेहरे खिल गए। सूत्रों के मुताबिक कुछ ने कहा कि कई ऐसे अभ्यर्थियों का चयन हो गया था, जिनको इंडोर ट्रेनिंग के दौरान परीक्षा में आए(बाएं से) आरोपी हर्षवर्धन, शिक्षक राजेंद्र यादव, शिवरतन व राजूएसओजी ने पेपर लीक मामले के मोस्ट वांटेड जगदीश बिश्नोई की गिरफ्तारी के बाद इसका खुलासा किया है। पड़ताल में सामने आया कि जगदीश के लिए नीचे के स्तर पर गिरोह को दुबई भाग गया पंकज चौधरी उर्फ यूनिक भांभू व एसओजी की गिरफ्त में आया शिवरतन मोट संचालित कर रहे थे। शिक्षक राजेन्द्र यादव गिरोह के लिए कौन से स्कूल से परीक्षा से पहले पेपर प्राप्त करना है औरकौन से स्कूल में डमी अभ्यर्थी बैठाने हैं, यह व्यवस्था करता था। पटवारी हर्षवर्धन मोटी रकम देकर पेपर प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों की तलाश कर लाता था। भांभू के लिए लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया है। आरोपियों के साथ लाइब्रेरियन राजेंद्र उर्फ राजू को भी कनिष्ठ अभियंता परीक्षा पेपर लीक मामले में गिरफ्तार कर लिया था। उसका उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा में भी चयन हो चुका था।चैन की नींद सो रहे थे, तब पकड़ाएडीजी वी. के. सिंह ने बताया कि उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा में टॉपर सांचौर के मालवाड़ा निवासी भेराराम बिश्नोई के पुत्र नरेश खिलेरी के आरपीए में अन्य थानेदारों के साथ होने की पुष्टि हो गई। जबकि छुट्टी पर बाड़मेर व सांचौर गए दो अभ्यर्थियों को पकड़ने के लिए रविवार रात स्थानीय थाना पुलिस की मदद ली गई। दोनों नींद निकाल रहे थे, तभी उन्हें पकड़ा।सवालों के जवाब पूछे तो इधर-उधर देखने लगे या फिर गलत जवाब दिया। कई को तो यह भी पता नहीं था कि राजस्थान में कितने आयोग है। एसओजी ने भी कुछ प्रश्न पूछे तो उनके जवाब आरोपी नहीं दे पाए। परीक्षा से पहले पेपर प्राप्त कर कुछ आरोपी प्लाटून कमांडर बने हैं।एसओजी ने हाल ही 3 मामलेदर्ज दर्ज किए एसओजी ने कनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षा 2020 के मामले में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ और एसआइटी को मिली सूचना के आधार पर डमी अभ्यर्थी बैठाने का मामला दर्ज किया। उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा का प्रशिक्षण ले रहे डालूराम मीणा को आरपीए से 2 फरवरी को गिरफ्तार किया। पेपरपंकज चौधरी, जगदीश विश्नोईइन सवालों के जवाब भी पूछ रही एसओजी■ परीक्षा से पहले पेपर किस जगह पर पढ़ापेपर पढ़ने के दौरान कौन-कौन साथ था ■ किसने पेपर पढ़ायापेपर पढ़ाने के बदले कितने पैसे दिए■ परीक्षा से कितने दिन पहले गिरोह ने संपर्क कियायह टीम कर रही पूछताछएसओजी एएसपी रामसिंह शेखावत के नेतृत्व में एएसपी मनराज मीणा, डिप्टी एसपी शिव कुमार भारद्वाज, निरीक्षक नेमीचंद, यशवंत सिंह यादव, जयप्रकाश पूनिया व एकता राजलीक गिरोह के सदस्य पटवारी हर्षवर्धन मीणा की पत्नी सरिता के खिलाफ डमी अभ्यर्थी बैठाने का दूसरा मामला दर्ज किया। रविवार को उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने का तीसरा मामला दर्ज किया गया। कई थानेदार तो ऐसे हैं, जो पेपर प्राप्त करने के बाद भी टॉप में शामिल न हो सके।

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