Current Affairs For India & Rajasthan | Notes for Govt Job Exams

म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन

FavoriteLoadingAdd to favorites

हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सेबी (म्यूचुअल फंड) विनियम, 1996 में संशोधनों को स्वीकृति प्रदान की तथा इसने परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (AMCs) के भीतर नियामक निरीक्षण को बढ़ाने के लिये संशोधनों को अनिवार्य कर दिया है। कुछ अन्य हालिया प्रस्तावित संशोधन हैं:

  • संस्थागत तंत्र: 
    • AMCs को विशिष्ट प्रकार के कदाचार की पहचान करने और उनका समाधान करने के लिये उन्नत निगरानी प्रणाली, आंतरिक नियंत्रण एवं वृद्धि प्रक्रियाओं को लागू करने की आवश्यकता है।
    • इसका उद्देश्य उद्योग के भीतर फ्रंट-रनिंग, इनसाइडर ट्रेडिंग और संवेदनशील जानकारी के दुरुपयोग को रोकना है।
      • फ्रंट रनिंग से तात्पर्य ब्रोकर अथवा व्यापारी के अनैतिक आचरण से है, जो अपने ग्राहकों द्वारा लंबित ट्रेडों की अग्रिम जानकारी के आधार पर प्रतिभूति पर ऑर्डर निष्पादित करता है, जो बाज़ार मूल्य को प्रभावित कर सकता है।
      • दूसरी ओर, सुरक्षा के बारे में महत्त्वपूर्ण, गोपनीय जानकारी के आधार पर प्रतिभूतियों को खरीदना अथवा बेचना इनसाइडर ट्रेडिंग के रूप में जाना जाता है।
  • संप्रेषण रिकॉर्डिंग:
    • SEBI ने बाज़ार समय के दौरान डीलरों और फंड मैनेजरों द्वारा की जाने वाली प्रत्यक्ष बातचीत को किसी भी प्रकार के संचार रिकॉर्ड करने की आवश्यकता से मुक्त किया है।
  • निष्क्रिय योजनाओं के लिये विवेकपूर्ण मानदंड:
    • SEBI ने निष्क्रिय योजनाओं के लिये विवेकपूर्ण मानदंडों को सुव्यवस्थित किया है, जिससे इक्विटी निष्क्रिय योजनाओं को प्रायोजक समूह की कंपनियों में निवेश करने पर 35% की सीमा के साथ अंतर्निहित सूचकांक में घटकों के भारांश तक निवेश करने की अनुमति मिलती है।

SEBI

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »
Scroll to Top