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चर्चा मेंक्यों?
z 12 सितंबर, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के कोटा शहर में विश्व के पहले हैरिटेज चंबल रिवर फ्रंट का
लोकार्पण किया।
नोट :
प्रमुख बिंदु
z चंबल रिवर फ्रंट भारत में विकसित प्रथम हैरिटेज रिवर फ्रंट है, इससे कोटा में देशी-विदेशी पर्यटकों का आवागमन बढे़गा।
z कोटा शहर में कोटा बैराज से नयापुरा पुलिया तक 2.75 किमी. की लंबाई में चंबल नदी के दोनों तटों पर 1400 करोड़ रुपए की लागत से
चंबल रिवर फ्रंट विकसित किया गया है। इसके बनने से चंबल नदी के किनारे बसीं सभी बस्तियाँ बाढ़ से मुक्त हो चुकी हैं।
z रिवर फ्रंट के दोनों तटों पर 27 घाटों का निर्माण किया गया है, जिनमें चंबल माता घाट, गणेश पोल, मरू घाट, जंतर-मंतर घाट, विश्व मैत्री
घाट, हाड़ौती घाट, महात्मा गांधी सेतु, कनक महल, फव्वारा घाट, रंगमंच घाट, साहित्य घाट, उत्सव घाट शामिल हैं। साथ ही, सिंह घाट,
नयापुरा गार्डन, जवाहर घाट, गीता घाट, शांति घाट, नंदी घाट, वेदिक घाट, रोशन घाट, घंटी घाट, तिरंगा घाट, शौर्य घाट, राजपूताना घाट,
जुगनु घाट, हाथी घाट और बालाजी घाट शामिल हैं।
जवाहर घाट: इस घाट पर पं. जवाहर लाल नेहरू जी का गन मेटल से बना फेस मास्क लगाया गया है, जो कि 32 फीट ऊँचा एवं 25
टन वजनी है। पर्यटक मूर्ति की आँख के तल पर चढ़कर नेत्रों से पूर्वी तट के घाटों एवं चंबल माता की मूर्ति को निहार सकते हैं।
गीता घाट: गीता घाट में वियतनाम मार्बल के पट्टिका में गीता के संपूर्ण 18 अध्याय के समस्त 700 श्लोकों को उकेरा गया है।
शांति घाट: इस घाट पर योग मुद्रा में इनविजिबल स्कलप्चर लगाया गया है, जिसमें मानव शरीर के सातों चक्रों को दर्शाया गया है।
नंदी घाट: इस घाट पर नंदी की 25 फीट लंबी, 15 फीट चौड़ी एवं 20 फीट ऊँची (अधिकतम ऊँचाई) की प्रतिमा लगाई गई है।
वेदिक घाट: इस घाट पर पंच तत्त्वो को दर्शाते हुए, बाडोली शैली में 5 मंदिरों का निर्माण किया गया है।
रोशन घाट: इस घाट में इस्लामिक फेज की वास्तुकला को दर्शाया गया है। इसके बीच में जन्नती दरवाज़े का निर्माण किया गया है।
घंटी घाट: इसमें विश्व का सबसे बड़ा धातु का घंटा लगाया गया है।
तिरंगा घाट: इस घाट पर भारत का विशाल राष्ट्रीय ध्वज लगाया गया है।
शौर्य घाट: यह पश्चिमी छोर का प्रवेश द्वार है। इस चौक में विशाल पार्किंग, पर्यटकों के लिये इन्फॉरमेशन सेंटर, रेस्टोरेंट आदि की
व्यवस्था की गई है।राजपूताना घाट: इस घाट में राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों जैसे- मेवाड़, मारवाड़, ढूंढाड़, बांगड़, हाड़ौती क्षेत्र की विभिन्न
इमारतों की प्रतिकृतियाँ बनाई गई हैं, जैसे-पोद्दार हवेली, जगमंदिर, जगनिवास, गणगौरी घाट, हवामहल, गणेशपोल, सरगासुली, विजय
स्तंभ, ब्रह्मा मंदिर, रणकपुर, पटवा हवेली आदि का निर्माण किया गया है।
जुगनु घाट: इस घाट में एल.ई.डी. के फ्लोरा एंड फॉना निर्माण किया गया है। इसमें एक ओपन थियेटर का भी निर्माण किया गया है।
हाथी घाट: इसमें प्राकृतिक चट्टानों पर सफेद मार्बल के हाथी लगाए गए हैं।
बालाजी घाट: इस घाट पर बटक बालाजी का मंदिर का निर्माण किया गया है एवं पूर्व में निर्मित ऐतिहासिक मंदिरों की धरोहर को भी
संरक्षित किया गया है।
z कोटा में विकसित चंबल रिवर फ्रंट आर्किटेक्ट का देशभर में अद्वितीय नमूना है। इस पर विकास के साथ पर्यटन, रोज़गार, पर्यावरण संरक्षण
के साथ नदी के सौंदर्यीकरण जैसे कार्यकिये गए हैं।
z यहाँ पर चंबल माता की 225 फीट ऊँची संगमरमर की मूर्ति भी स्थापित की गई है।
z चंबल रिवर फ्रंट के जवाहर घाट पर पं. जवाहर लाल नेहरू का विश्व का सबसे बड़ा गन मेटल का मुखौटा बनाया गया है। साथ ही, दुनिया
का सबसे बड़ा नंदी भी यहाँ बना है।
z इसी प्रकार, एक बगीचे में 10 अवतारों की मूर्तिलगाई गई है तथा बुलंद दरवाजे से ऊँचा दरवाजा बनाया गया है। राजपूताना घाट पर राजस्थान
के 9 क्षेत्रों की वास्तुकला व संस्कृति को दर्शाया गया है।
z मुकुट महल में 80 फीट ऊँची छत है तथा यहाँ पर सिलिकॉन वैली भी है।
z ब्रह्मा घाट पर विश्व की सबसे बड़ी घंटी बनाई गई है जिसकी आवाज 8 किमी. दूर तक सुनी जा सकेगी।
z साहित्यिक घाट पर पुस्तक, प्रसिद्ध लेखकों की प्रतिमाएँ भी स्थापित की गई है।