रश्न: मेडागास्कर की खोज कब और किसने की थी?
उत्तर: मेडागास्कर की खोज सन् 1500 में पुर्तगाली नाविक डियोगो दिआस (Diogo Dias) ने की थी.
प्रश्न: पृथ्वी की उत्पत्ति से सम्बंधित नीहारिका परिकल्पना का प्रतिपादन कब और किसने किया?
उत्तर: पृथ्वी की उत्पत्ति से सम्बंधित नीहारिका परिकल्पना (Nebular Hypothesis) का प्रतिपादन सन 1796 में लाप्लास (Laplace) नामक फ़्रांसिसी वैज्ञानिक ने किया था. इस परिकल्पना के अनुसार अतीत काल में ब्रह्मांड में एक महापिंड के रूप में नीहारिका थी जिससे कुछ छल्ले निकले. छल्लों के ठोस व गोल होने से ग्रह और छल्लों के अन्य टुकड़ों से उपग्रह बने.
प्रश्न: महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत का प्रतिपादन कब और किसने किया था?
उत्तर: महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत (Continental Drift Theory) का प्रतिपादन 1912 ई. में प्रो. अल्फ्रेड वेगनर ने किया था. इस सिद्धांत के अनुसार प्रारम्भ में पूरा स्थल एक विशाल महादेश के रूप में था. बाद में यह विभाजित हो गया जिसके चलते स्थल भाग एक-दूसरे से अलग होकर महासागरों और महाद्वीपों के वर्तमान रूप में आ गए.
प्रश्न: महाद्वीपीय विसर्पण का सिद्धांत (Theory of Sliding Continents) कब और किसने प्रस्तुत किया था?
उत्तर: “महाद्वीपीय विसर्पण का सिद्धांत” सन 1926 ई. में डेली (R.A. Daly) ने प्रस्तुत किया था.
प्रश्न: ज्वार-भाटा की उत्पत्ति से सम्बंधित “प्रगामी तरंग सिद्धांत (Progressive Wave Theory) को कब और किसने प्रस्तुत किया था?
उत्तर: ज्वार-भाटा की उत्पत्ति से सम्बंधित “प्रगामी तरंग सिद्धांत” को सन 1833 में विलियम वेवल (William Whewell) ने प्रस्तुत किया. इस सिद्धांत के अनुसार ज्वार लहर के रूप में होते हैं, जिनका शिखर ज्वार होता है और सबसे निचला भाग भाटा होती है. ये ज्वारीय तरंगे चन्द्रमा से प्रेरित होकर उत्पन्न होती हैं और पूर्व से पश्चिम दिशा में भ्रमण करती हैं. जब इन तरंगो का शिखर तट के समीप पहुँचता है, तो “ज्वार” आता है, और जब तरंग की “द्रोणी” आती है, तो “भाटा” आता है.
प्रश्न: भारत का सबसे पहला जल-बिजली कारखाना कहाँ स्थापित किया गया?
उत्तर: भारत का सबसे पहला जल-बिजली कारखाना शिवसमुद्रम में 1902 में स्थापित किया गया था.
प्रश्न: हिमगर्त (Kettle) क्या हैं और इस प्रकार के हिमगर्त कहाँ स्थित हैं?
उत्तर: हिमनदीय अपोढ़ (drift) में एक वृत्ताकार छिद्र, जो साधारण जल से भरा रहता है, हिमगर्त (kettle) कहलाता है. किसी हिमनद में से एक विशाल हिमखंड के टूटकर अलग हो जाने और लम्बे समय बाद पिघल जाने के चलते इस प्रकार के वृत्ताकार छिद्र का निर्माण होता है. इस प्रकार के हिमगर्तों का निर्माण कारलिसले के उत्तर-पूर्व में ब्राम्प्टन (Brampton) के इर्द-गिर्द या लंकास्टर के समीप और पिकरिंग घाटी में हुआ है. USA में भी Wisconsin प्रदेश के Kettle Moraine में वृत्ताकार हिमगर्त बहुत घनी संख्या में स्थित है.
प्रश्न: जलोढ़ पंख (Alluvial Fans) क्या हैं और इनका निर्माण कहाँ होता है?
उत्तर: जलोढ़ शंकुओं से आगे जब नदी का जल अनेक संकरी धाराओं में बहता है, और बारीक रेत का निक्षेप प्रत्येक धारा की दिशा में बहुमुखी होता है, तो “जलोढ़ पंखों” (Alluvial Fans) का निर्माण होता है. इनकी रचना प्रायः पर्वत और मैदान के मध्यवर्ती भागों में ही होती है.
प्रश्न: उष्णोत्स (Geyser) क्या है और इनका निर्माण कहाँ होता है?
उत्तर: फव्वारे की भांति भूमि से स्वतः निकलते गर्म जल को “उष्णोत्स” (Geyser) कहते हैं. प्रायः geyser ज्वालामुखी क्षेत्रों में पाए जाते हैं. गीजर वहाँ भी उत्पन्न हो गए हैं, जहाँ सिलिका मिश्रित लावा गर्म अवस्था में है.