

द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की क्षमता को पूरा करने के लिए सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया
भारत और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) के रक्षा मंत्रालयों के बीच पहली सचिव स्तरीय बैठक 05 जुलाई, 2024 को नई दिल्ली में आयोजित की गई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा सचिव श्री गिरिधर अरमाने ने किया और इसमें रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। कांगो के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्रालय के स्थायी सचिव, डीआरसी मेजर जनरल लुकुइकिला मेटिकविजा मार्सेल ने किया और इसमें मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और भारत में डीआरसी के दूतावास के प्रतिनिधि शामिल थे।
बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग की क्षमता को पूरा करने के लिए सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करना था। प्रशिक्षण और रक्षा उद्योग में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत चर्चा की गई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा विनिर्माण क्षमता में भारत द्वारा की गई महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला।
डीआरसी पक्ष ने अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की आवश्यकता को साझा किया। उन्होंने भारत के रक्षा उद्योग की क्षमता में विश्वास व्यक्त किया और सह-उत्पादन और सह-विकास के क्षेत्रों का सुझाव दिया।
इससे पहले, डीआरसी प्रतिनिधिमंडल ने थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी से मुलाकात की।
भारत के डीआरसी के साथ सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। भारत 1962 में किंशासा में राजनयिक मिशन स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था। इस यात्रा से दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के नए रास्ते खुलने की उम्मीद है।