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भारतीय कौवे

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हाल ही में केन्याई सरकार ने वर्ष 2024 के अंत तक दस लाख भारतीय कौवों (Corvus splendens) को समाप्त करने की कार्य योजना शुरू करने की घोषणा की है।

  • यह निर्णय स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र पर इन पक्षियों के महत्त्वपूर्ण नकारात्मक प्रभाव तथा जनता के लिये, विशेष रूप से केन्याई तटीय क्षेत्र में, इनके कारण उत्पन्न होने वाली समस्या के कारण लिया गया है।

केन्याई सरकार की कार्य योजना क्या है?

  • आक्रामक प्रजातियों का प्रबंधन: भारतीय घरेलू कौआ को भारत और एशिया के कुछ हिस्सों से आई एक आक्रामक विदेशी प्रजाति के रूप में वर्णित किया गया है, जो शिपिंग गतिविधियों के माध्यम से पूर्वी अफ्रीका में आई।
  • पारिस्थितिक प्रभाव: कौवे लुप्तप्राय स्थानीय पक्षी प्रजातियों का शिकार करते हैं, घोंसलों को नष्ट करते हैं तथा अंडों और चूजों को खाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय पक्षियों की आबादी में गिरावट आ रही है।
    • यह गिरावट पारिस्थितिकी तंत्र को बाधित करती है, जिससे कीटों की संख्या बढ़ती है, जिससे पर्यावरण को और अधिक नुकसान पहुँचता है।
  • ऐतिहासिक प्रयास: 20 वर्ष पहले केन्या में इसी प्रकार के प्रयास से उनकी संख्या को अस्थायी रूप से कम करने में सफलता मिली थी।
  • सरकारी और सामुदायिक प्रतिक्रिया: कौओं की समस्या से निपटने के लिये एक कार्य योजना में पक्षियों को मारने के लिये यांत्रिक और लक्षित उपाय तथा जनसंख्या नियंत्रण के लिये लाइसेंस प्राप्त ज़हर का उपयोग करना आदि शामिल है।

भारतीय घरेलू कौवों के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • प्रजाति: कॉर्वस स्प्लेंडेंस (Corvus splendens)
  • सामान्य नाम: भारतीय घरेलू कौआ, घरेलू कौआ, भारतीय कौआ, ग्रे-गर्दन वाला कौआ, सीलोन कौआ, कोलंबो कौआ
  • परिवार: कॉर्विडे
  • वर्गीकरण: कॉर्वस स्प्लेंडेंस की नामांकित प्रजाति भारत, नेपाल और बांग्लादेश में पाई जाती है तथा इसकी गर्दन का कॉलर भूरे रंग का होता है।
  • संरक्षण की स्थिति:
    • IUCN स्थिति: लीस्ट कंसर्न
    • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची II

 

केन्या के बारे में मुख्य तथ्य:

  • केन्या पूर्वी अफ्रीका में स्थित है। इसका भूभाग हिंद महासागर के निचले तटीय मैदान से लेकर मध्य में पहाड़ों और पठारों तक फैला हुआ है।
  • केन्या की सीमाएँ पाँच देशों से मिलती हैं: दक्षिण में तंज़ानिया, पश्चिम में युगांडा, उत्तर पश्चिम में दक्षिण सूडान, उत्तर में इथियोपिया और पूर्व में सोमालिया
  • केन्या, हिंद महासागर और विक्टोरिया झील के बीच स्थित है।
  • विश्व की सबसे बड़ी रेगिस्तानी झील तुर्काना झील ओमो-तुर्काना बेसिन का हिस्सा है, जो चार देशों में फैली हुई है: इथियोपिया, केन्या, दक्षिण सूडान और युगांडा।
  • यूएन-हैबिटेट का मुख्यालय नैरोबी, केन्या में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में है।

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