चर्चा में क्यों?
हाल ही में खगोलविदों ने हमारी आकाशगंगा में एक विशाल ब्लैक होल की खोज की है, जिसका नाम “गैया BH3” रखा गया है।
- यह पृथ्वी का दूसरा सबसे निकटतम ज्ञात ब्लैक होल है। यह सूर्य से 33 गुना भारी है और आकाशगंगा में तारकीय उत्पत्ति का सबसे विशाल ब्लैक होल है, इस ब्लैक होल का आकार सिग्नस एक्स-1 से भी अधिक है।
- तारकीय ब्लैक होल किसी एक तारे के पतन के परिणामस्वरूप बनते हैं।
ब्लैक होल क्या हैं?
- परिचय:
- ब्लैक होल असाधारण घनत्व वाले मृत तारे हैं जिनका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र इतना अधिक होता है कि इनमें प्रकाश का भी पारगमन नहीं हो पाता है, इस से इनकी पहचान कर पाना कठिन हो जाता है।
- इनका निर्माण होता है जब एक विशाल तारा अपने जीवन के अंत में स्वतः समाप्त हो जाता है, जिससे यह प्रबल गुरुत्वाकर्षण के साथ एक अत्यधिक घनत्व वाले छिद्र में परिवर्तित हो जाता है, यह घनत्व इतना प्रबल होता है कि यह अपने चारों ओर के अंतरिक्ष-समय को विकृत कर देता है।
- ब्लैक होल के प्रकार:
- तारकीय ब्लैक होल: इसका निर्माण एक विशाल तारे के पतन के कारण होता है।
- इंटरमीडिएट ब्लैक होल: इनका द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान के 100 से 100,000 गुना के बीच हो सकता है।
- विशालकाय ब्लैक होल: ब्लैक होल हमारी अपनी आकाशगंगा के अतिरिक्त कई अन्य आकाशगंगाओं के केंद्र में स्थित हैं; इनका द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से अरबों गुना तक हो सकता है।
आकाशगंगा क्या है?
- एक आकाशगंगा गैस, धूल और अरबों तारों तथा उनके सौर मंडलों का एक विशाल संग्रह है, जो सभी गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा संयुक्त रूप से आबंधित होते हैं।
- पृथ्वी मिल्की वे आकाशगंगा का हिस्सा है, जिसके केंद्र में सैजिटेरियस A नामक एक विशालकाय ब्लैक होल भी है जिसका द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान का 40 लाख गुना है।