संक्षिप्त विवरण: बाबा इकबाल सिंह जी
- बाबा इकबाल सिंह जी को सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उनके प्रमुख योगदान के लिये पद्म श्री पुरस्कार, 2022 से सम्मानित किया गया।
- उनका जन्म 1 मई, 1926 को पंजाब के पठानकोट गाँव में हुआ था।
- उन्होंने कृषि में स्नातक किया तथा हिमाचल प्रदेश में कृषि निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के बाद, उन्होंने ग्रामीण लोगों, विशेषकर महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये सामाजिक कार्य किया।
- इससे पहले 2018 में उन्हें ‘शिरोमणि पंथ रतन‘ से भी सम्मानित किया गया था।
सामाजिक कार्य:
- वे 1965 से कलगीधर न्यास के प्रभारी थे, 1987 में सेवानिवृत्त होने से पहले, उन्होंने एक संगठन बनाया, जिसके तहत वर्तमान में 129 सीबीएसई–संबद्ध अंग्रेजी माध्यम के स्कूल संचालित हैं, जिसमें 70,000 से अधिक बच्चे हैं, उनमें से अधिकांश छात्र पांच उत्तर भारतीय राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों से हैं।
- शहरी परिवेश से दूर, ये स्कूल समाज के वंचित वर्गों के बच्चों को मूल्य–आधारित शिक्षा प्रदान करने पर ध्यान देते हैं।
- बारू साहिब, सिरमौर में ‘अकाल अकादमी‘ की स्थापना एक कमरे के स्कूल में केवल पांच छात्रों के साथ की गई थी। बाबा इकबाल सिंह ने भवन निर्माण के लिये अपनी पेंशन का उपयोग किया तथा पहले वर्ष के लिये स्कूल का प्रबंधन किया।
- हालाँकि, उन्हें जल्द ही यह महसूस हो गया कि एक स्कूल की स्थापना से आस–पास के ज़िलों में बच्चों की पढ़ाई संबंधी समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता।
- इसके बाद न्यास द्वारा 1993 में मुक्तसर में अकाल अकादमी की शुरुआत की गई। 1999 तक, इसने पूरे पंजाब में 19 अकादमियाँ और खोलीं तथा अब यह संख्या पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में विस्तृत 129 स्कूलों तक पहुँच गई है। इसके कई छात्रों ने IIT, IIM और NEET की परीक्षा में राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
- एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में, उन्होंने खुद को केवल शिक्षा क्षेत्र तक ही सीमित नहीं रखा, उन्होंने सामुदायिक जीवन के हर क्षेत्र जैसे स्कूल, अस्पताल, कॉलेज, महिला देखभाल केंद्र और नशामुक्ति केंद्र आदि, में कार्य किया।
- अपनी टीम के साथ, उन्होंने बारू साहिब, सिरमौर में अकाल चैरिटेबल अस्पताल की स्थापना की, जो ग्रामीण गरीबों और समाज के अन्य वंचित वर्गों को चिकित्सा देखभाल प्रदान करता है।
- हर वर्ष गरीब लोगों को मुफ्त सर्जरी सहित मुफ्त चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिये चिकित्सा शिविर आयोजित किये जाते हैं।
- महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के तहत शिक्षा और नौकरियों के माध्यम से वंचित युवतियों का पुनर्वास किया जाता है।