प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही योजनाओं के नाम बदलने का काम भी शुरू हो गया है। इंदिरा रसोई का नाम अब ‘श्री अन्नपूर्णा’ रसोई होगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को भाजपा कार्यालय में आयोजित बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने योजना का नाम बदलने की घोषणा की। इंदिरा रसोई योजना की कमियों को देखते हुए यह फैसला किया गया है। तत्कालीन वसुंधरा सरकार में अन्नपूर्णा रसोई संचालित होती थी, से फॉलोअप “यही तो सियासत है यहां नाम में बहुत कुछ रखा राजस्थान पत्रिका शुरू की। 40 माह बाद अब भाजपा सरकार ने श्रीअन्नपूर्णा रसोई के नाम गरीबों को सस्ता भोजन खिलाएगी। सूत्रों के मुताबिक इसका स्वरूप भी बदला जा सकता है। उधर, इंदिरा गांधी क्रेडिट कार्ड योजना और इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का नाम भी बदलने की तैयारी है। स्वायत्त शासन विभाग ने इन योजनाओं से जुड़ी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी है। सरकार ने विभाग से अब यह पूछा है कि क्या इनका संचालन मौजूदा स्वरूप में ही ठीक है या इसमें बदलाव की जरूरत है। इस आधार पर 450 की जगह 600 ग्राम भोजन की मात्रा अभी तक प्रति थाली में भोजन की मात्रा 450 ग्राम दिया जा रहा है, अब इसे बढ़ाकर 600 ग्राम किया जाएगा। इसमें मोटा अनाज भी शामिल किया जाएगा। इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना इसके तहत थड़ी ठेला व्यवसायी, असंगठित क्षेत्र के श्रमिक, जिला रोजगार कार्यालय में रजिस्टर्ड ऐसे बेरोजगार युवा जो बेरोजगारी भत्ता नहीं लेते हैं, उन्हें अपना व्यवसाय शुरू करने या मौजूदा व्यवसाय को सुदृढ़ करने के लिए लोन देने का प्रावधान है। इसमें 5 लाख लोगों को स्थानीय निकाय के जरिए लोन उपलब्ध कराया जाता है। करीब 3 लाख लोग प्रदेश के शहरों में 1000 इंदिरा रसोई संचालित हैं, जहां 8 रुपए में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इनके अलावा ग्रामीण इलाकों में भी रसोई चल रही है। इंदिरा गांधी शहरी इनकी भी चर्चा अय ऑ बस्सी बस्सी शिक्षा योजनाएं: गहलोत सरकार ने स्कूल व कॉलेज शिक्षा छात्रवृत्ति योजनाएं राजीव और इंदिरा गांधी के नाम पर की। वसुंधरा सरकार में ये योजनाएं पं. दीनदयाल उपाध्याय व अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर संचालित थी। इन्हें बदलने की चर्चा है रोजगार गारंटी योजना सेवा केंद्र: भाजपा ने पिछली बार शहरी बेरोजगारों को एक वर्ष में 100 दिन का रोजगार देने के लिए 9 सितंबर, 2022 को योजना शुरू की गई। 800 करोड़ रुपए का बजट आवंटन और 9593 कार्य चिन्हित किए गए। अकुशल श्रमिक को 259 रुपए, अर्धकुशल को 271 रुपए, कुशल को 283 रुपए और उच्च कुशल श्रमिक को 333 रुपए मानदेय देने का राजीव गांधी सेवा केंद्रों का नाम बदलकर अटल सेवा केंद्र किया था। कांग्रेस ने सत्ता में आते ही नाम बदल राजीव गांधी सेवा केंद्र कर दिया। अब भाजपा सरकार इन सेवा केंद्रों का नाम बदलने की फिर से तैयारी कर रही है। जनआधारः वसुंधरा सरकार ने महिलाओं के लिए भामाशाह कार्ड बनवाए। इन कार्ड पर तत्कालीन मुख्यमंत्री की फोटो लगाने से कांग्रेस ने काफी हंगामा किया। कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद इन कार्ड का नाम बदलकर जनआधार कार्ड कर दिया । के संस् के आ रा