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पिरामिड निर्माण में नील नदी की विलुप्त शाखा का महत्त्व

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हाल ही में एक अध्ययन में नील नदी की एक प्राचीन शाखा की खोज की गई है, जो मिस्र के पिरामिडों तक श्रमिकों और सामग्रियों के परिवहन में सहायता करती थी, जो अब आधुनिक परिदृश्यों के नीचे दफन हो गई है।

  • शोधकर्त्ताओं ने अब लुप्त हो चुकी नील नदी की अहरामत शाखा के मार्ग का पता लगाने के लिये उपग्रह चित्रों, हाई-रिज़ॉल्यूशन डिजिटल उन्नयन डेटा और ऐतिहासिक मानचित्रों सहित प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया।

अध्ययन की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • लिश्त (गांव) से गीज़ा (शहर) तक एक पूर्व में अज्ञात नील चैनल, अहरामत शाखा का रहस्योद्घाटन, पिरामिड निर्माण के लिये श्रमिकों और सामग्रियों के परिवहन में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है तथा उनके भौगोलिक एवं तार्किक पहलुओं के संबंध में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
  • अध्ययन से पता चलता है कि जलवायु परिवर्तन, टेक्टोनिक परिवर्तन व मानवीय गतिविधियों जैसी प्राकृतिक घटनाओं के साथ-साथ मरुस्थलीकरणऔर वर्षा में परिवर्तन जैसे पर्यावरणीय कारकों ने समय के साथ नील नदी के परिदृश्य एवं शाखाओं को बदल दिया है, जिससे क्षेत्र की पारिस्थितिकी और जल प्रणालियाँ प्रभावित हुई हैं।

मिस्र के पिरामिडों के संबंध में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • मिस्र के पिरामिड विशाल, प्राचीन पत्थर की संरचनाएँ हैं, जो पुराने साम्राज्य (लगभग 2700-2200 ईसा पूर्व) और मध्य साम्राज्य काल (2050-1650 ईसा पूर्व) के दौरान फराओ (प्राचीन मिस्र के शासकों) तथा महत्त्वपूर्ण हस्तियों की कब्रों के रूप में बनाई गई थीं।
  • मिस्र में 118 से अधिक पिरामिडों की पहचान की गई है, लेकिन सबसे प्रसिद्ध गीज़ा के तीन पिरामिड हैं:
    • गीज़ा का महान पिरामिड: प्राचीन विश्व के सात अजूबों में से सबसे पुराना और अब तक का सबसे बड़ा पिरामिड। इसका निर्माण फराओ खुफु (चेओप्स) के लिये किया गया था।
    • खफरे (शेफ्रेन) का पिरामिड: यह पिरामिड अपने अधिक तीखे कोण तथा पास में स्थित मानव सिर और सिंह के शरीर वाली विशाल मूर्ति की उपस्थिति के कारण महान पिरामिड से बड़ा प्रतीत होता है।
    • मेनकौर का पिरामिड (माइसेरिनस): गीज़ा के तीन मुख्य पिरामिडों में से यह सबसे छोटा है, जिसे  फराओ  मेनकौर के लिये बनाया गया था।

नील नदी:

  • नील नदी भूमध्य रेखा के दक्षिण में बुरुंडी, अफ्रीका से निकलती है।
  • पूर्वोत्तर अफ्रीका से उत्तर की ओर बहती हुई नील नदी भूमध्य सागर में अपने अंतिम बिंदु पर पहुँचने से पूर्व मिस्र तथा 10 अन्य अफ्रीकी देशों, जिनमें बुरुंडी, तंज़ानिया, रवांडा, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, केन्या, युगांडा, सूडान, इथियोपिया और दक्षिण सूडान शामिल हैं, से होकर गुजरती है।
  • नील नदी तीन प्रमुख धाराओं से मिलकर बनी है- ब्लू नील, अटबारा जो इथियोपिया के ऊँचे इलाकों से बहती हैं तथा व्हाइट नील जिसकी मुख्य धाराएँ विक्टोरिया और अल्बर्ट झीलों में जाकर गिरती हैं।
  • नील नदी विश्व की सबसे लंबी नदी है, जिसे अफ्रीकी नदियों का पिता कहा जाता है।

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