हीटवेव के बेहतर प्रबंधन के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करने की दिशा में निरंतर प्रयास आवश्यक हैं क्योंकि प्रभावी समाधान से प्रभावी प्रबंधन होता है: डॉ. मंडाविया
मौतों और मामलों सहित हीटवेव पर क्षेत्र स्तर के डेटा को साझा करने के लिए राज्यों से इनपुट के साथ एक केंद्रीय डेटाबेस बनाने के महत्व पर जोर दिया गया, ताकि स्थिति का यथार्थवादी मूल्यांकन किया जा सके।
“हीटवेव के बेहतर प्रबंधन के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करने की दिशा में निरंतर प्रयास आवश्यक है क्योंकि प्रभावी समाधान से प्रभावी प्रबंधन होता है”। यह बात आज केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने गर्मी से संबंधित बीमारी के प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल भी उपस्थित थे।
जमीनी स्तर से सटीक डेटा की कमी पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. मंडाविया ने मौतों और मामलों सहित हीटवेव पर क्षेत्र स्तर के डेटा को साझा करने के लिए राज्यों से इनपुट के साथ एक केंद्रीय डेटाबेस बनाने के महत्व पर ध्यान दिया, ताकि स्थिति का यथार्थवादी मूल्यांकन किया जा सके। उन्होंने राज्यों में आईएमडी अलर्ट मिलते ही समय पर कार्रवाई के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “निवारक उपायों पर लोगों के बीच समय पर, अग्रिम और व्यापक जागरूकता से ऐसी गर्मी की लहरों के गंभीर प्रभाव को कम करने में काफी मदद मिलेगी।”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने गर्मी से संबंधित बीमारियों के कुशल प्रबंधन में सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को बेहतर समन्वय और समझ के लिए राज्यों के साथ बैठक करने की भी सलाह दी।
डॉ. भारती प्रवीण पवार ने लोगों के बीच सूचना और जागरूकता अभियान के लिए राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय समितियों के गठन पर जोर दिया। उन्होंने आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को वाटर कूलर, आइस पैक और अन्य बुनियादी आवश्यकताओं से लैस करने के महत्व को बताया। उन्होंने गर्मी की लहरों के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए राज्यों को राज्य कार्य योजनाओं के क्षेत्र स्तर के कार्यान्वयन में तेजी लाने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
श्री अपूर्व चंद्रा, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव; डॉ. राजीव बहल, सचिव, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग; डॉ. अतुल गोयल, महानिदेशक (डीजीएचएस); सुश्री एल एस चांगसन, एएस एवं एमडी (एमओएचएफडब्ल्यू), श्रीमती रोली सिंह, एएस (एमओएचएफडब्ल्यू); डॉ. मृत्युंजय महापात्र, महानिदेशक, आईएमडी; श्री कमल किशोर, सदस्य एवं प्रमुख, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण; बैठक में एम्स नई दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर एम श्रीनिवास और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. सुभाष गिरी भी उपस्थित थे।