

चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया पहल के 9 वर्ष सफलतापूर्वक पूरे होने की सराहना की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया एक सशक्त भारत का प्रतीक है जिससे लोगों का ‘जीवनयापन और ज़्यादा आसान’ होता जा रहा है एवं पारदर्शिता भी बढ़ रही है।
डिजिटल इंडिया पहल क्या है?
परिचय
डिजिटल इंडिया 1 जुलाई, 2015 को भारत सरकार द्वारा लॉन्च किया गया था।
यह कार्यक्रम 1990 के दशक के मध्य में शुरू हुए ई-गवर्नेंस प्रयासों पर आधारित है, लेकिन इसमें सामंजस्य और अंतरक्रियाशीलता का अभाव था।
उद्देश्य:
डिजिटल विभाजन को कम करना: यह पहल तकनीक-प्रेमी व्यक्तियों और सीमित डिजिटल पहुँच वाले लोगों के बीच असमानता को कम करने के लिये काम करती है।
डिजिटल भागीदारी को बढ़ावा देना: यह शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सरकारी सेवाओं जैसे क्षेत्रों को शामिल करते हुए सभी नागरिकों के लिये डिजिटल प्रौद्योगिकी लाभों तक समान पहुँच सुनिश्चित करने का प्रयास करता है।
आर्थिक विकास को बढ़ावा देना: तकनीकी प्रगति और नवीन समाधानों का उपयोग करके, डिजिटल इंडिया का उद्देश्य पूरे देश में आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
जीवन स्तर को उन्नत करना: इस कार्यक्रम का उद्देश्य दैनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं में प्रौद्योगिकी के रणनीतिक अनुप्रयोग के माध्यम से नागरिकों के जीवन की समग्र गुणवत्ता को बढ़ाना है।
डिजिटल इंडिया पहल के नौ स्तंभ:
ब्रॉडबैंड हाईवे: कनेक्टिविटी और डिजिटल सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिये देश भर में व्यापक हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड नेटवर्क के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना।
मोबाइल कनेक्टिविटी तक सार्वभौमिक पहुँच: दूरदराज़ के क्षेत्रों तक मोबाइल कवरेज का विस्तार करना, जिससे सभी नागरिक मोबाइल सेवाओं से जुड़ सकें और डिजिटल अर्थव्यवस्था में भाग ले सकें।
सार्वजनिक इंटरनेट पहुँच कार्यक्रम: वहनीय इंटरनेट पहुँच उपलब्ध कराने, डिजिटल विभाजन को दूर करने और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिये वंचित क्षेत्रों में सामान्य सेवा केंद्र स्थापित करना।
ई-गवर्नेंस, सरकारी सेवाओं को सुव्यवस्थित करने हेतु प्रौद्योगिकी का उपयोग: नागरिक सहभागिता को बढ़ाते हुए पहुँच, दक्षता एवं पारदर्शिता में सुधार करना।
ई-क्रांति: MyGov.in जैसे प्लेटफॉर्म पहुँच एवं परिचालन दक्षता को प्राथमिकता देते हुए नागरिकों को सरकारी सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी की सुविधा प्रदान करते हैं।
सभी के लिये सूचना: ऑनलाइन पहुँच के लिये सरकारी रिकॉर्ड को डिजिटाइज़ करना तथा नवाचार एवं विकास को बढ़ावा देने हेतु ओपन डेटा पहल को बढ़ावा देना।
इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण: आयात को कम करने, रोज़गार सृजन करने तथा विनिर्माण क्लस्टरों के साथ-साथ निवेश प्रोत्साहनों के माध्यम से डिजिटल आर्थिक विकास को समर्थन देने हेतु स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को प्रोत्साहित करना।
नौकरियों के लिये सूचना प्रौद्योगिकी (IT): डिजिटल साक्षरता मिशन तथा स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से उद्योग जगत की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिये युवाओं के आईटी कौशल को बढ़ाना, कौशल संवर्धन के साथ-साथ आईटी क्षेत्र में रोज़गार पर ध्यान केंद्रित करना।
अर्ली हार्वेस्ट अग्रीमेंट: तत्काल डिजिटल आवश्यकताओं को संबोधित करने वाली विशिष्ट परियोजनाओं को शामिल करना, जैसे– स्कूली प्रमाण-पत्रों तक ऑनलाइन पहुँच, डिजिटल उपस्थिति एवं सार्वजनिक स्थानों पर वाई-फाई सुविधा।
डिजिटल इंडिया के लिये की गई विभिन्न डिजिटल इंडिया पहल क्या हैं?
आधार: एक बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली जो निवासियों को 12 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या प्रदान करती है।
भारतनेट: यह परियोजना गाँवों में हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाएँ सक्षम बनाने के उद्देश्य से बनाई गई है।
स्टार्टअप इंडिया: यह उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और प्रोत्साहन, वित्तपोषण तथा मार्गदर्शन के माध्यम से स्टार्टअप्स को समर्थन देने की एक पहल है।
ई-नाम (e-NAM): एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जो कृषि बाज़ारों को जोड़ता है, उपज की कुशल बिक्री की सुविधा भी प्रदान करता है।
डिजिटल लॉकर: महत्त्वपूर्ण दस्तावेज़ों को सुरक्षित रूप से संग्रहीत करने के साथ-साथ डिजिटल रूप से उन तक पहुँचने के लिये एक क्लाउड-आधारित प्लेटफॉर्म।
भीम यूपीआई: एक डिजिटल भुगतान प्रणाली जो स्मार्टफोन का उपयोग करके सुरक्षित पीयर-टू-पीयर लेन-देन को सक्षम बनाती है।
ई-साइन फ्रेमवर्क: डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग करके दस्तावेज़ों पर ऑनलाइन हस्ताक्षर करने की अनुमति प्रदान करता है।
MyGov: एक नागरिक सहभागिता मंच जो शासन एवं नीतिगत चर्चाओं में भागीदारी की सुविधा प्रदान करता है।
ई-हॉस्पिटल: ऑनलाइन पंजीकरण और स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक पहुँच सहित डिजिटल अस्पताल सेवाएँ।
SWAYAM प्लस प्लेटफॉर्म
उमंग एप (UMANG App)
स्मार्ट सिटी
डिजिटल इंडिया अधिनियम (DIA), 2023: प्रस्तावित अधिनियम का उद्देश्य भारत के बढ़ते इंटरनेट उपयोगकर्त्ता आधार, तकनीकी प्रगति और नई डिजिटल चुनौतियों के अनुकूल, पुराने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 को प्रतिस्थापित करना है। DIA, AI और ब्लॉकचेन जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों को ज़िम्मेदारी से अपनाने के लिये दिशा-निर्देश प्रदान करता है, नैतिक मानकों को बनाए रखते हुए नवाचार को प्रोत्साहित करता है।
डिजिटल इंडिया के संबंध में चुनौतियाँ और आगे की राह क्या है?
चुनौतियाँ
आगे की राह
डिजिटल डिवाइड: 2021 तक भारत की इंटरनेट पहुँच दर लगभग 47% थी, जिससे आधी से ज़्यादा आबादी बिना पहुँच के रह गई। ग्रामीण क्षेत्र विशेष रूप से पिछड़े हुए हैं, जहाँ शहरी क्षेत्रों में 67% की तुलना में केवल 32% ग्रामीण इंटरनेट पहुँच है।
यद्यपि भारतनेट ने प्रगति की है, फ