

ट्रेनीएसआई व एक कांस्टेबल को एकक लाख रुपए के निजी मुचलके व 50-50 हजार रुपए की दो जमानतों परसशर्त जमानत देते हुए तत्काल रिहाक करने का निर्देश दिया। वहीं मामलेहै के आईओ व मॉनिटरिंग टीम कोआरोपियों की अवैध हिरासत केलिए जिम्मेदार मानते हुए गृह सचिवव डीजीपी को दोषी पुलिस अफसरोंने के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश• दिया है। सीएमएम पूनाराम गोदारा6 ने यह आदेश आरोपियों की ओर सेउन्हें एसओजी द्वारा अवैध हिरासतकार्रवाई होकोर्ट आदेश का परीक्षण करा रहे हैं, सेशन कोर्ट में अपील करेंगे आरोपियों ने एसओजी परएसओजी एडीजी वीके सिंह का कहना है कि 11आरोपी ट्रेनी सब इंस्पेक्टर को जमानत देने के आदेशका फिलहाल हम विधिक परीक्षण करवा रहे हैं।आरोपियों की जमानत निरस्त करवाने के लिए जल्दही सेशन कोर्ट में रिवीजन याचिका दाखिल करेंगे।में रखने व मारपीट के आरोप वालेप्रार्थना पत्र को मंजूर करते हुए दिया।कोर्ट ने फैसले में कहा कि उसनेएसओजी को आरोपियों की कोर्ट मेंपेशी के लिए तय किए गए प्रावधानोंकी पालना करने का निर्देश दिया था,लेकिन एसओजी के अफसर इननिर्देशों के प्रति गैर जिम्मेदार रहे औरउन्होंने सीआरपीसी की धारा 57 वधारा 41 ए के कानूनी प्रावधानों कापालन नहीं किया। इससे लगता हैकि एसओजी के अफसरों को उनकेखिलाफ कार्रवाई से डर नहीं लगता।कोर्ट इन दो दलीलों पर नहीं जानाचाहती कि यह मामला पूरी तरह सेराजनीतिक है और आरोपियों कोकिसी समुदाय विशेष का होने केचलते टारगेट किया है। शेष | पेज 6यह लगाए थे आरोपआरोपियों के अधिवक्ता परसरामचौधरी, विपुल शर्मा और वेदांतशर्मा ने कोर्ट को बताया था कि 11आरोपियों को एसओजी ने 2 अप्रैलको गिरफ्तार किया था। एक आरोपीअभिषेक को 30 मार्च को गिरफ्तारकिया था। लेकिन इन आरोपियों कीपेशी 4 अप्रैल को की गई। जबकिकानूनन तौर पर आरोपियों की पेशी24 घंटे में कोर्ट में की जानी चाहिएथी। इसके अलावा एसओजी नेसीआरपीसी की धारा 41 ए की भीपालना नहीं की है। इसलिए उन्हेंरिहा किया जाए।