चर्चा मेंक्यों?
z 4 सितंबर, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर ग्रामीण ज़िले के चाकसू में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन पंचकर्म की
स्थापना के लिये 40 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की।
प्रमुख बिंदु
z चाकसू में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन पंचकर्म की स्थापना से पंचकर्म के क्षेत्र में अधिक उत्कृष्टता के साथ कार्य हो सकेगा।
z पूर्व में राज्य सरकार द्वारा जोधपुर में इंटरनेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन पंचकर्म के संचालन की स्वीकृति भी दी जा चुकी है।
z उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने बजट वर्ष 2023-24 में चाकसू में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन पंचकर्म खोले जाने के लिये घोषणा की थी।
राजस्थान की दो महिला शिक्षकों को मिला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार
चर्चा मेंक्यों?
5 सितंबर, 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिक्षक दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राजस्थान की
दो महिला शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
z उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में देशभर के कुल 75 चयनित शिक्षकों को वर्ष 2023 के राष्ट्रीय
शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया।
z इस शिक्षक सम्मान समारोह में सभी पुरस्कृत शिक्षकों को पुरस्कारस्वरूप 50 हज़ार रुपए नकद, प्रशस्ति-पत्र, शॉल, श्रीफल दिया गया।
z इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिये राजस्थान की दो महिला शिक्षकों को चुना गया था, जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया।
सम्मानित शिक्षिकाओं में अलवर ज़िले की आशा सुमन और जोधपुर में प्रिंसिपल डॉ. शीला आसोपा शामिल हैं।
z आशा सुमन अलवर में बच्चियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देती हैं तो वहीं जोधपुर में प्रिंसिपल डॉ. शीला आसोपा ने कड़ी मेहनत से साईन
लैंग्वेज तैयार कर बच्चों को शब्द ज्ञान कराया।
z राष्ट्रीय शिक्षक दिवस:
वर्ष 1962 से प्रतिवर्ष 5 सितंबर को मनाए जाने वाले इस दिवस का उद्देश्य भारत में स्कूल अध्यापकों, शोधकर्त्ताओं और प्रोफेसरों सहित
अन्य शिक्षकों के योगदान का सम्मान करना है।
भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने छात्रों के उत्सव के अनुरोध की प्रतिक्रिया में उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस
के रूप में मनाने का सुझाव दिया था।
z राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार:
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश के कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अनूठे योगदान का जश्न मनाना तथा उन शिक्षकों को सम्मानित
करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता के माध्यम से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी
समृद्ध बनाया है।
ये पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किये जाते हैं।
पुरस्कार में एक रजत पदक, एक प्रमाण-पत्र एवं 50,000 रुपए की नकद राशि शामिल है।
इस वर्ष पुरस्कार के दायरे में स्कूली शिक्षा तथा साक्षरता विभाग द्वारा चयनित शिक्षकों के अतिरिक्त उच्च शिक्षा विभाग एवं कौशल
विकास मंत्रालय द्वारा चयनित शिक्षकों को भी शामिल किया गया है।