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गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार 2024

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वन और आदिवासी अधिकार कार्यकर्त्ता आलोक शुक्ला को उनके सफल अभियान के लिये प्रतिष्ठित गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया है, जिसने छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य क्षेत्र में 21 नियोजित कोयला खदानों से 4.45 लाख एकड़ जैवविविधता से समृद्ध जंगलों को बचाया है।

  • हसदेव अरण्य का जंगल छत्तीसगढ़ के कोरबा, सूरजपुर और सरगुजा ज़िलों में 170 लाख हेक्टेयर में फैला हुआ है, जिसे “छत्तीसगढ़ के फेफड़े” के रूप में जाना जाता है, जिसमें समृद्ध जैवविविधता है तथा यह 25 लुप्तप्राय प्रजातियों, 92 पक्षी प्रजातियों एवं 167 दुर्लभ प्रजातियों व औषधीय पौधों की प्रजातियों का घर है।
  • हसदेव नदी, जो महानदी में मिलती है, इन जंगलों से पोषित होती है और हसदेव बांगो जलाशय को पानी की आपूर्ति करती है, जिससे 741,000 एकड़ कृषि भूमि की सिंचाई होती है।
    • छत्तीसगढ़, जहाँ 44% भूमि वनाच्छादित है, भारत में तीसरा सबसे बड़ा वन क्षेत्र है।
    • इसके अलावा, लगभग 15,000 स्वदेशी लोग अपनी आजीविका, सांस्कृतिक विरासत और भोजन के लिये हसदेव अरण्य वनों पर निर्भर हैं।
  • गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार को गोल्डमैन पर्यावरण फाउंडेशन द्वारा दिये जाने वाले ग्रीन नोबेल पुरस्कार के रूप में भी जाना जाता है।
  • इस पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1989 में रिचर्ड और रोंडा गोल्डमैन द्वारा की गई थी।
    • यह छह क्षेत्रों (एशिया, अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण और मध्य अमेरिका) और अंत में, द्वीपों तथा द्वीपीय देशों के ज़मीनी स्तर के पर्यावरण नेताओं को मान्यता देता है।
    • विजेताओं का चयन एक अंतर्राष्ट्रीय निर्णायक मंडल (International Jury) द्वारा किया जाता है और पुरस्कार राशि के रूप में 200,000 अमेरिकी डॉलर दिये जाते हैं।

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