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गुजरात में मिला विशाल साँप का जीवाश्म

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हाल ही में भारत में जीवाश्म वैज्ञानिकों (Palaeontologists) ने एक विशाल साँप के जीवाश्म अवशेषों की खोज की है जो लगभग 47 मिलियन वर्ष पहले गुजरात के दलदलों में पाए जाते थे।

  • शोधकर्त्ताओं ने जानकारी दी कि वासुकी इंडिकस (Vasuki indicus) ने सबसे बड़े ज्ञात परभक्षी, कुख्यात टिटानोबोआ (Titanoboa) का मुकाबला किया।

वासुकी इंडिकस के बारे में मुख्य निष्कर्ष क्या हैं?

  • परिचय: 
    • वासुकी इंडिकस: नई पहचानी गई प्रजाति, वासुकी इंडिकस, अब विलुप्त हो चुके मादस्तोईदे (Madtsoiidae) साँप परिवार से संबंधित है।
      • यह एक गोंडवानन स्थलीय (Gondwanan terrestrial) साँप है, जो ऊपरी क्रेटेशियस (100.5 से 66 mya (मिलियन वर्ष पूर्व)) से लेकर लेट प्लीस्टोसीन युग (0.126 से 0.012 mya) तक फैले गर्म मध्य इओसीन काल के दौरान पाया जाता था।
    • अनुमानित आकार: जीवाश्म अवशेष से इसकी लंबाई 10.9 से 15.2 मीटर के बीच होने का अनुमान है, जो कि सबसे बड़े आधुनिक साँपों से भी अधिक है।
      • यह खोज शरीर के बड़े आकार के विकास पर प्रकाश डालती है, जो संभवतः उस युग के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उच्च तापमान से प्रभावित था।
      • गर्म मध्य इओसीन जलवायु ने संभवतः प्राचीन साँपों के शरीर के बड़े आकार के विकास में भूमिका निभाई।
        • वासुकी इंडिकस का इस अवधि के दौरान उष्णकटिबंधीय परिस्थितियों के अनुकूल विकास हुआ।
    • जीवविज्ञान संबंधी निहितार्थ: इस विशाल इओसीन साँप की उपस्थिति का मादस्तोईदे जैविकी पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव है।
      • यह इस बात को लेकर अंतर्दृष्टि प्रदान करता है कि उस समय के दौरान जीवों का भौगोलिक वितरण किस प्रकार का था और उनके विकास के कारक क्या रहे।
    • वासुकी इंडिकस का नाम पौराणिक नाग के नाम पर रखा गया:
      • इस प्रजाति का नाम हिंदू पौराणिक कथाओं में भगवान शिव से जुड़े नाग वासुकी के नाम पर रखा गया है।
      • इस खोज का सांस्कृतिक महत्त्व है।
  • अन्य बड़े साँप:
    • टिटानोबोआ (Titanoboa Cerrejonensis):
      • टिटानोबोआ एक विलुप्त साँप है जो पैलियोसीन युग (66 से 56 mya) के दौरान पाया जाता था, जिसे साँपों के उपसमूह का सबसे बड़ा ज्ञात सदस्य माना जाता है।
      • उत्खनित कशेरुकाओं (रीढ़ की हड्डी के अलग-अलग हिस्सों) से बने शरीर के आकार के एक्सट्रपलेशन (Extrapolations) से जीवाश्म विज्ञानियों ने अनुमान लगाया है कि औसत वयस्क टिटानोबोआ के शरीर की लंबाई लगभग 13 मीटर और औसत वजन लगभग 1.25 टन था।
    • एनाकोंडा (genus Eunectes):
      • बोइडे (Boidae) परिवार में वर्गीकृत एनाकोंडाउष्णकटिबंधीय दक्षिण अमेरिका में पाए जाने वाले बड़े, पानी में रहने वाले साँप हैं, जिनकी तीन से पाँच प्रजातियाँ होती हैं।
      • ग्रीन एनाकोंडा दुनिया के सबसे बड़े साँपों में से हैं, जो 9 मीटर तक लंबे और 250 किलोग्राम तक वजनी होते हैं।

साँपों के मैडसोइइडे परिवार के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • साँपों का मैडसोइइडे परिवार, जो अब विलुप्त हो चुका है, एक समय गोंडवाना की प्राचीन भूमि पर विचरण करता था।
  • उनका जीवाश्म रिकॉर्ड प्रारंभिक सेनोमेनियन युग (ऊपरी क्रेटेशियस के दौरान) से लेकर प्लीस्टोसिन युग के अंत तक फैला हुआ है।
    • इन आकर्षक साँपों ने दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिणी यूरोप सहित विश्व भर के विभिन्न क्षेत्रों में अपने निशान छोड़े।
  • पीढ़ी (Genera) और विविधता:
    • वासुकी: यह अपनी लंबाई के लिये जाना जाता है, जो कम-से-कम 11-12 मीटर (लगभग 36-39 फीट) तक होती है।
    • वोनांबी और युरलुंगगुर (Wonambi and Yurlunggur): ये ऑस्ट्रेलियाई साँप भी मैडसोइइडे परिवार से संबंधित हैं।
      • ये प्राचीन साँप संभवतः अपने शिकार को फँसाकर आधुनिक बोआ और अज़गर की तरह शिकार करते थे।
  • विकासवादी महत्त्व:
    • प्लीस्टोसिन तक मैडसोइइडे ऑस्ट्रेलिया में बने रहे, लेकिन इओसीन युग के दौरान उनका अस्तित्त्व कम देखा गया।
    • जबकि कुछ प्रजातियाँ ओलिगोसीन के दौरान दक्षिण अमेरिका और भारत में जीवित रहीं लेकिन उनकी समग्र उपस्थिति कम हो गई।

Gondwana

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