

खान मंत्रालय ने बेंगलुरू में ग्रेनाइट और संगमरमर खनन पर एक कार्यशाला आयोजित की। भारत सरकार के खान मंत्रालय के सचिव श्री वी एल कांता राव ने कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। कर्नाटक सरकार की अतिरिक्त मुख्य सचिव और विकास आयुक्त डॉ. शालिनी रजनीश ने इस अवसर पर मुख्य भाषण दिया। कार्यशाला में भारत सरकार के खान मंत्रालय की संयुक्त सचिव डॉ. वीना कुमारी डी., कर्नाटक सरकार के खान और भूविज्ञान सचिव श्री रिचर्ड विंसेंट, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण बेंगलुरू के वरिष्ठ पदाधिकारी; आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु के खनन और भूविज्ञान निदेशालय; सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, निजी खनन उद्योग के प्रतिनिधि, खनन संघ और अन्य हितधारक शामिल हुए।
खान मंत्रालय के सचिव श्री वी.एल. कांथा राव ने अपने संबोधन में खनन क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों और सुधारों पर जोर दिया। उन्होंने राज्य सरकारों से लघु खनिज क्षेत्र में भी ऐसे सुधार करने का आग्रह किया। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने एनजीडीआर (नेशनल जियो-डेटा रिपोजिटरी) पोर्टल के माध्यम से अन्वेषण पर व्यापक डेटा और जानकारी उपलब्ध कराई है, जिससे सभी हितधारकों के लिए डेटा तक पहुँच आसान हो गई है। केंद्रीय एजेंसियों से एकत्र किए गए डेटा द्वारा संचालित इस पहल का उद्देश्य खनन क्षेत्र में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाना है।
श्री वी.एल. कांथा राव ने लघु खनिज क्षेत्र में व्यापक सुधार के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोगात्मक पहल का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि कार्यशाला एक विचार-मंथन सत्र के रूप में कार्य करती है, जहाँ उद्योग प्रतिनिधि और राज्य सरकारें समाधान की तलाश करती हैं।
कर्नाटक सरकार की अतिरिक्त मुख्य सचिव और विकास आयुक्त, डॉ. शालिनी रजनीश ने अपने मुख्य भाषण में ग्रेनाइट और संगमरमर खनन क्षेत्र में प्रशासनिक, तकनीकी और अन्य मुद्दों के समाधान खोजने के लिए सरकार और उद्योग के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि खनन सहित कोई भी आर्थिक गतिविधि टिकाऊ होनी चाहिए। डॉ. शालिनी ने इस क्षेत्र की चुनौतियों का रचनात्मक तरीके से समाधान करने के लिए स्टार्टअप विचारों और अभिनव योगदान का स्वागत किया और खनन क्षेत्र के महत्वपूर्ण क्षेत्रों के प्रबंधन, पारदर्शिता सुनिश्चित करने और शिकायतों को कम करने के लिए आईटी प्लेटफार्मों के उपयोग पर भी जोर दिया।
उद्घाटन सत्र के बाद, विभिन्न हितधारकों ने ग्रेनाइट खनन और संगमरमर खनन के मुद्दों पर प्रस्तुतियाँ दीं। इसके बाद, कर्नाटक, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की राज्य सरकारों ने उद्योग संघ द्वारा उठाए गए मुद्दों पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रस्तुतियाँ दीं और ग्रेनाइट और संगमरमर खनिजों के विनियमन पर सर्वोत्तम प्रथाओं पर भी प्रकाश डाला। वाणिज्य मंत्रालय के राष्ट्रीय सीमेंट और निर्माण सामग्री परिषद (डीपीआईआईटी) के संयुक्त निदेशक डॉ. बी पांडुरंगा राव ने भारत में ग्रेनाइट और संगमरमर उद्योग की भूमिका- सीमेंट और निर्माण क्षेत्र के बारे में एक प्रस्तुति भी दी। आईबीएम के मुख्य खान नियंत्रक श्री पीयूष नारायण शर्मा ने खनन क्षेत्र में सतत विकास ढांचे और खानों की स्टार रेटिंग पर प्रस्तुति दी।