Current Affairs For India & Rajasthan | Notes for Govt Job Exams

क्या आप इस तथ्य से सहमत हैं कि हड़प्पा शहरों की जल निकास प्रणाली बेहतर नगर योजना की ओर संकेत करती है। अपने उत्तर के कारण बताइये।

FavoriteLoadingAdd to favorites

उत्तर :

 

जल प्रबंधन एवं अपशिष्ट प्रबंधन में सिंधु सभ्यता अपनी समकालीन कांस्ययुगीन सभ्यताओं से कहीं अधिक आगे थी। सिंधु सभ्यता के नगरों में नियोजित जल निकास प्रणाली आधुनिक नगर योजना से साम्य रखती है।

  • हड़प्पा नगरों में घरों, नालियों एवं सड़कों का एक साथ नियोजित रूप से निर्माण कराया गया।
  • सड़कों तथा नालियों को लगभग एक ग्रिड पद्धति में बनाया गया, जो एक-दूसरे को समकोण पर काटती थी।
  • प्रत्येक घर में स्नानागार की उपस्थिति थी। घरों की नालियों को गली की नालियों से जोड़ा गया, जो बाद में बड़े नालों में मिल जाती थी।
  • इन नगरों में पहले नालियों के साथ गलियों को बनाया गया तथा फिर अगल-बगल अधिवासों का निर्माण किया गया।
  • इनमें ढकी हुई नालियों का निर्माण किया गया। ढकी नालियों के कारण साफ-सफाई के लिये इन नालियों में मैनहोल का निर्माण किया गया।
  • जल निकास में अपशिष्ट फिल्ट्रेशन की भी व्यवस्था थी। घरों की नालियाँ पहले घर में मलकुंड में खाली हेाती थी, जिसमें ठोस अपशिष्ट पदार्थ जमा हो जाते थे और गंदा पानी गली की नालियों में बह जाता था।
  • नालियों के निर्माण में पकी ईंटों का प्रयोग नगर-नियोजन की एक अन्य महत्त्वपूर्ण विशेषता थी।

उपर्युक्त सभी जल निकास की महत्त्वपूर्ण विशेषताओं के कारण कहा जा सकता है कि हड़प्पा नगरों में जल निकास प्रणाली बेहतर नगर-योजना की ओर संकेत करती है। जल प्रबंधन एवं साफ-सफाई में यह अपने समय से काफी आगे दिखाई देती है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »
Scroll to Top