

कांग्रेस के लिए तो यह ‘करो या मरो’ वाले चुनाव और लोकसभा चुनावों की तैयारी के दृष्टिकोण से अंतिम अवसर है। इन चुनावों में कांग्रेस का काफी कुछ दांव पर लगा है क्योंकि देश के कुछ राज्यों के राजनीतिक परिदृश्य में हाशिये पर पहुंची यह पार्टी इन पांचों राज्यों में प्रभावी भूमिका में दिखती है। राजस्थान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा के साथ उसका सीधा मुकाबला है।
छत्तीसगढ़ और मिजोरम की विधानसभा सीटों पर मतदान के साथ ही पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव आरंभ हो गए हैं। चूंकि ये विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनावों से ठीक पहले हो रहे हैं तो इन्हें आम चुनावों का एक संकेतक समझना भी स्वाभाविक है। हालांकि अतीत के रुझान तो यही दर्शाते हैं कि लोकसभा से ठीक पहले होने वाले विधानसभा चुनाव केंद्र की सत्ता का कोई स्पष्ट संकेत नहीं देते। इसके बावजूद राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनावों के महत्व को कम करके नहीं देखा जा सकता।