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एशिया में सबसे बड़ा पचपदरा रिफाइनरी कोक डोम, 20 किमी दूर से दिखता है 2183 करोड़ से बनी सबसे बड़ी इकाई डीसीयू |

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95800 मीटर टन क्षमता का 90% कार्य पूरा, इसी साल हो जाएगी शुरू 125 मीटर 63.5 मीटर गोल ऊंचा भवदीपसिंह चारण. बालोतरा | पचपदरा में बन रही देश की सबसे -एशिया में सबसे बड़ा पचपदरा रिफाइनरी कोक डोम, 20 किमी दूर से दिखता है 2183 करोड़ से बनी सबसे बड़ी इकाई डीसीयू | बड़ी अत्याधुनिक बीएस-6 रिफाइनरी का काम दिसंबर 2024 तक 90% पूरा होने के साथ ही उत्पादन शुरू हो जाएगा। रिफाइनरी की सबसे अहम यूनिट डीसीयू व कोक डोम का कार्य 90% पूरा हो गया है। यह कोक डोम एशिया का सबसे बड़ा है। 125 मीटर गोलाकार व 63.5 मीटर ऊंचा यह सिल्वर कलर का डोम 20 किलोमीटर दूर से नजर आता है। कोक डोम में 95800 मीट्रिन टन पेटकॉक संग्रहण करने की क्षमता है। पेटकॉक बनाने का कार्य पास ही बनी डीसीयू यूनिट में किया जाएगा। रिफाइनरी उत्पादित होने वाले पेटकॉक का कुछ हिस्सा मशीनरी चलाने कलिए काम में लिया जाएगा। पेटकॉक का उपयोग सीमेंट क्टियों में किया जाता है। 25 हजार को मिला रोजगार पचपदरा में बन रही अत्याधुनिक रिफाइनरी में भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से आयातित क्रूड को भी रिफाइन किया जाएगा। रिफाइनरी सांभरा, साजियाली पदमसिंह व कंठवाड़ा सरहद में 4380 एकड़ में बन रही है। वर्तमान में 25 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है। रिफाइनरी से उत्पादन शुरू होने के बाद निकलने वाले करीब 400 बायो प्रोडक्ट के कारखानें यहां खलेंगे। उगते सूरज के साथ डीसीयू यूनिट व कोक डोम । फोटो: युवराजसिंह चौहान, ड्रोन सहयोगः रोमी सैन नेपथा, डीजल, गैस और तेल को किया जाएगा अलग पचपदरा रिफाइनरी में 2183 करोड़ रुपए से बनी सबसे बड़ी डीसीयू यूनिट महत्वपूर्ण है। इसकी ऊंचाई 40 मंजिल इमारत जितनी है। यह इकाई रिफाइन होने वाले तेल से हाइड्रोकार्बन गैस, नेफ्था के अलावा हल्के व भारी गैस-तेल को पेट्रोलियम कोक में परिवर्तित करेगा।

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